Arvind Kejriwal: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल इन दिनों पंजाब में सियासी हलचल का केंद्र बने हुए हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP को मिली हार के बाद, अब उनका सारा ध्यान पंजाब पर टिका है. पंजाब में AAP के मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार है, लेकिन अंदरखाने में कुछ गंभीर राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं, और यही वजह है कि केजरीवाल के पंजाब के मुख्यमंत्री बनने की चर्चाएं तेज हो रही हैं.
पंजाब में क्या हो रहा है?
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार को तीन साल से ज्यादा हो चुका है, लेकिन इस दौरान कई ऐसी घटनाएं घटीं हैं जिन्होंने पार्टी की छवि को प्रभावित किया. सबसे बड़ा मुद्दा है पार्टी के भीतर असंतोष, खासकर भगवंत मान की मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यशैली को लेकर. ऐसे में अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में AAP के नेताओं और विधायकों से मुलाकात करने के लिए दिल्ली में बैठक बुलायी. बैठक में पार्टी की भविष्य की रणनीति पर चर्चा की जा रही है, और यह माना जा रहा है कि केजरीवाल ने यहां अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं.
केजरीवाल की साजिश
इस बैठक से पहले कांग्रेस ने जोरदार हमला बोला है. कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया कि केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को हटाकर खुद मुख्यमंत्री बनने की साजिश रच रहे हैं. प्रताप सिंह बाजवा ने 30 विधायक उनके संपर्क में होने की बात कह कर पंजाब से लेकर दिल्ली तक खलबली मचा दी है. प्रताप बाजवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पंजाब के सीएम बनेंगे. हाल ही में लुधियाना वेस्ट से आप के विधायक गुरप्रीत गोगी का निधन हुआ है. यह सीट खाली हो है. केजरीवाल यहां से उपचुनाव लड़ेंगे. दिल्ली में हार के बाद आम आदमी पार्टी का पूरा बोझ पंजाब पर पड़ेगा. मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के नेताओं के बीच अंदरुनी जंग होगी और कई विधायक आम आदमी पार्टी से बगावत कर सकते हैं. इनमें से 30 कांग्रेस के संपर्क में हैं.
सिरसा का दावा
बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने और भी गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को हटाने के बाद खुद पंजाब का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. उनका आरोप है कि केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों से बातचीत की है और उन्हें यह सुझाव दिया है कि वे भगवंत मान की जगह केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाएं. सिरसा का कहना है कि यह एक खुला राजनीतिक खेल है.
AAP ने क्या कहा?
इस सब के बीच, AAP के सांसद मालविंदर कंग ने इन आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य संगठनात्मक बैठक थी, जिसमें पार्टी की भविष्यवाणी और योजनाओं पर चर्चा की गई थी. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के लिए यह स्वाभाविक है कि वह अपनी पार्टी के नेताओं से फीडबैक लें और उन्हें मार्गदर्शन दें. इससे यह साफ होता है कि पार्टी का कोई इरादा पंजाब के मुख्यमंत्री पद को लेकर नहीं था, बल्कि यह एक नियमित प्रक्रिया का हिस्सा था.
कांग्रेस और AAP के बीच सियासी जंग
कांग्रेस की चिंता सिर्फ सत्ता की हानि तक सीमित नहीं है. कांग्रेस को डर है कि AAP पंजाब में सत्तावाद के जरिए ही अपनी राजनीति को और मजबूत करने की कोशिश कर रही है. हाल ही में पंजाब में शराब नीति और एमएसपी घोटाले जैसे मुद्दे उठे हैं, जिनसे राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल मच सकती है. कांग्रेस का कहना है कि इस माहौल में AAP की सरकार गिर सकती है और मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं. यदि ऐसा हुआ तो पंजाब में AAP के लिए राजनीतिक भविष्य अस्थिर हो सकता है.
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क्या है केजरीवाल की मंशा?
कई राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अरविंद केजरीवाल पंजाब में मुख्यमंत्री पद पर नजर गड़ाए हुए हैं. दिल्ली में AAP को मिली हार और पंजाब में पार्टी के वादों का पूरा न होना, इन सभी घटनाओं ने केजरीवाल को इस विचार की ओर धकेला है कि वह खुद पंजाब में अपना प्रभाव बढ़ाएं. हालांकि, फिलहाल केजरीवाल ने इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है, और पार्टी ने इसे केवल एक संगठनात्मक बैठक बताया है.
पंजाब में AAP की स्थिति को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि अगले कुछ महीनों में क्या होगा. हालांकि, केजरीवाल की राजनीति चतुराई से भरी हुई है, और उन्होंने हमेशा मौके का सही इस्तेमाल किया है. अरविंद केजरीवाल का पंजाब में मुख्यमंत्री बनने की संभावना को पूरी तरह नकारा नहीं किया जा सकता. यह एक लंबी और जटिल सियासी कहानी है, जिसका हर मोड़ नए मोहरे और रणनीतियों के साथ खुल सकता है.
