Vistaar NEWS

विदेशी दवाओं पर 100%, किचन टैरिफ पर 30% टैरिफ… ट्रंप के फैसले का भारत पर क्या होगा असर?

Donald Trump

डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)

Donald Trump New Tariff: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से नए टैरिफ की घोषणा की है. उन्होंने अमेरिका के बाहर दवा बनाने वाली कंपनियों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाया है. ये टैरिफ 1 अक्टूबर से लागू होगा. इसके साथ ही ट्रंप ने कई और प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगाया है, इनमें किचन कैबिनेट, फर्नीचर और भारी ट्रक शामिल हैं.

डोनाल्ड ट्रंप ने किया पोस्ट

नए टैरिफ के बारे में ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि हम 1 अक्टूबर से ब्रांडेड और पेटेंट फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट पर 100 फीसदी टैरिफ लगा रहे हैं यदि वे अमेरिकी नहीं हैं. ये टैक्स तभी माफ होगा जब वे अमेरिका में मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट बना रही हों. ब्रेकिंग ग्राउंड और अंडर कंस्ट्रक्शन की स्थिति में भी कंपनियों को छूट मिलेगी.

किचन कैबिनेट पर 30 फीसदी टैरिफ

डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि हम कैचिन कैबिनेट, बाथरूम वैनिटी पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने जा रहे हैं, जो 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा. हम अतिरिक्त 30 फीसदी टैक्स फर्नीचरों पर लगाने जा रहे हैं क्योंकि ये प्रोडक्ट भारी मात्रा में दूसरे देशों से अमेरिका आ रहे हैं. ये गलत तरीका है. उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य कारणों से मैन्यूफैक्चरिंग प्रक्रिया की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है.

भारतीय दवा मार्केट और कंपनियों पर असर

भारतीय दवा कंपनियां विश्व में अहम स्थान रखती हैं. ये एपीआई (दवा बनाने के लिए बेस मटेरियल) बनाती हैं, इसके साथ-साथ फॉर्मूलेशन और जेनरिक दवाओं का निर्माण भी करती हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय दवा कंपनियां अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील समेत 200 से ज्यादा देशों में उपस्थिति रखती हैं. दवा निर्यात साल 2022-23 में बढ़कर 2.45 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो चुका है जो कुल अर्थव्यवस्था का 5.71 फीसदी है.

ये भी पढ़ें: ‘रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध में मदद कर रहे भारत-चीन’, यूएन में बोले डोनाल्ड ट्रंप, कहा- मैंने 7 महीने में सात युद्ध खत्म किए

अमेरिका, भारतीय दवा का सबसे बड़ा बाजार है. भारतीय कंपनियां अमेरिका में 40 प्रतिशत जेनेरिक दवाओं का निर्यात करती हैं. विदेशी फार्मा प्रोडक्ट पर 100 फीसदी टैरिफ लगने के बाद अमेरिका में महंगाई बढ़ने का अनुमान जताया जा रहा है, क्योंकि वहां पूरी मेडिकल सिस्टम डॉक्टर के प्रिस्किप्शन पर चलता है.

Exit mobile version