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आगरा से लेकर मथुरा तक…होटल-होटल भटकता रहा 17 लड़कियों का ‘गुनहगार’ चैतन्यानंद सरस्वती, ऐसे चढ़ा हत्थे!

Chaitanyananda Saraswati Arrest

पुलिस की गिरफ्त में चैतन्यानंद

Chaitanyananda Saraswati Arrest: आपने सुना होगा कि सच कितना भी छुपे, एक दिन बाहर आ ही जाता है. ऐसा ही कुछ हुआ दिल्ली के एक कथित ‘बड़े बाबा’ चैतन्यानंद सरस्वती के साथ, जिन्हें दिल्ली पुलिस ने आगरा के एक होटल से धर दबोचा. ये महाशय कोई साधारण शख्स नहीं, बल्कि एक प्राइवेट एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर थे, जो फर्जीवाड़े और ठगी के खेल में माहिर निकले.

फर्जी कार्ड्स और ठाठ-बाट की दुनिया

चैतन्यानंद उर्फ पार्थसारथी ने खुद को ऐसा चमकाया कि लोग दंग रह जाएं. उनके पास फर्जी विजिटिंग कार्ड्स थे, जिनमें वो कभी संयुक्त राष्ट्र (UN) के ‘स्थायी राजदूत’ बनते, तो कभी BRICS में भारत के ‘विशेष दूत’. यही नहीं, वो अपने कर्मचारियों से फोन करवाकर खुद को PMO का बड़ा अधिकारी बताते और पायलट गाड़ियां, एस्कॉर्ट और लग्जरी होटल की मांग करते. अब इसे कहते हैं हवा में उड़ने की कोशिश.

पुलिस ने जब इनके सामान की तलाशी ली, तो तीन फोन और एक iPad बरामद हुआ. लेकिन मजेदार बात? चैतन्यानंद ने iPad का पासवर्ड देने से साफ मना कर दिया. अब भई, इतना छुपाने की क्या जरूरत, अगर दिल साफ हो? एक महीने में 13 होटल, फिर भी नहीं बचे. चैतन्यानंद की जिंदगी किसी सस्पेंस मूवी से कम नहीं थी. पिछले दो महीनों में वो मथुरा, वृंदावन और आगरा में 13 होटल बदल चुके थे. लेकिन दिल्ली पुलिस की पैनी नजर से वो बच नहीं पाए. रविवार तड़के आगरा के एक होटल से उन्हें गिरफ्तार कर दिल्ली लाया गया, और कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.

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धमकियां और सीसीटीवी का खेल

पटियाला हाउस कोर्ट में प्रोसिक्यूशन ने जो खुलासे किए, वो सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएं. चैतन्यानंद पर आरोप है कि वो अपने कर्मचारियों और खासकर लड़कियों को धमकियां देते थे. यही नहीं, उन्होंने अपने इंस्टीट्यूट में सीसीटीवी कैमरे तक लगवाए थे, जिनमें से कुछ बाथरूम में भी थे. 17 लड़कियों ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की है और पुलिस का कहना है कि अभी कई और आरोपों की जांच बाकी है. इसके अलावा, 25 जुलाई को उनके खिलाफ 20 करोड़ रुपये के गबन का केस भी दर्ज हुआ था.

धार्मिक संस्था ने भी दिखाया ठेंगा

चैतन्यानंद का रुतबा इतना था कि वो एक धार्मिक संस्था से भी जुड़े थे. लेकिन जैसे ही उनके कारनामे सामने आए, संस्था ने फटाफट बयान जारी कर उनसे सारे रिश्ते तोड़ लिए और उन्हें हर पद से हटा दिया. भारत लौटने के बाद चैतन्यानंद ने जमानत की कोशिश की, लेकिन कोर्ट की फटकार के बाद उनकी हिम्मत जवाब दे गई और उन्होंने अर्जी वापस ले ली. गिरफ्तारी के बाद उनके वकील ने पुलिस हिरासत का विरोध करते हुए कहा, “चैतन्यानंद को डायबिटीज और चिंता की बीमारी है. आप उन्हें परेशान करने के लिए हिरासत मांग रहे हैं.” लेकिन शिकायतकर्ता के वकील ने पलटवार किया कि चैतन्यानंद जांच में सहयोग नहीं कर रहे, खासकर iPad का पासवर्ड न देकर. उन्होंने कहा, “एक गवाह को धमकी दी गई कि शिकायत की तो उसे उठा लिया जाएगा. जांच अभी शुरू हुई है.”

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