Uttar Pradesh: वक्फ संशोधन कानून के तहत यूपी में पुलिस ने पहली FIR दर्ज की है. वक्फ संशोधन अधिनयम 2025 के लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश में यह दर्ज पहली FIR है. गौरतलब है कि बरेली के थाना सीबीगंज क्षेत्र के सरनिया गांव में 3 बीघे जमीन पर अवैध कब्जा किया गया. सरकारी जमीन पर दरगाह बनाकर झाड़-फूंक का काम किया जा रहा था. फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज कराने के आरोप में 11 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है.
पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी सब्जे अली ने फर्जी ट्रस्ट बनाकर सरकारी जमीन को सैयद हामिद हसन दरगाह चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर रजिस्टर्ड करवाया और 2020 में इसे सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में वक्फ संपत्ति के रूप में शामिल किया. इसके बाद जमीन पर मजार बनाकर झाड़-फूंक का धंधा शुरू किया गया. इस काम से स्थानीय लोगों में खासा रोष था और आए दिन शिकायतें मिल रही थीं. इस मामले में शिकायतकर्ता पुत्तन शाह ने बताया कि विरोध करने पर उनकी पिटाई की गई और जान से मारने की धमकी दी गई.
मामले में बरेली के SSP अनुराग आर्य ने बताया कि 16 अप्रैल को दोपहर 12:39 बजे सब्जे अली, उनकी पत्नी जकीरा, बेटियों फरहानाज, गुलनाज, सना जाफरी, राहिला जाफरी, और अन्य सात लोगों के खिलाफ वक्फ संशोधन कानून और IPC की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. राजस्व विभाग की जांच में पुष्टि हुई कि जमीन कब्रिस्तान के रूप में दर्ज सरकारी संपत्ति है. ख़बर लिखे जाने तक एक आरोपी हिरासत में है, जबकि 10 फरार हैं.
गौरतलब है कि वक्फ संशोधन कानून 5 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू हुआ, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना और दुरुपयोग रोकना है. यह कानून सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे को रोकने के लिए कलेक्टर को जांच के लिए शक्तियं देता है. हालाँकि, वक्फ के कुछ प्रावधानों को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. जिसमें सरकार ने वक्फ से जुड़े फिलहाल किसी भी नए बोर्ड या सदस्यों की नियुक्ति नहीं करने का आश्वासन दिया है.
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हालांकि, इधर बरेली में SP सिटी मानुष पारीक के नेतृत्व में जांच जारी है और राजस्व विभाग के साथ मिलकर जमीन को कब्जा-मुक्त कराने की प्रक्रिया शुरू होगी.
