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Punjab Floods: पंजाब के गुरदासपुर में बाढ़ का कहर, भारतीय सेना ने मां और नवजात को सुरक्षित निकाला

Punjab Flood

सेना ने बाढ़ से नवजात और मां को सुरक्षित निकाला

Punjab Floods: पंजाब के गुरदासपुर जिले में रावी नदी के उफान और भारी बारिश के कारण आई भीषण बाढ़ ने कई गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है. इस आपदा के बीच भारतीय सेना ने अपनी वीरता और मानवता का परिचय देते हुए एक साहसिक बचाव अभियान चलाया, जिसमें धनगाई गांव में फंसी एक मां और उनके 15 दिन के नवजात को सुरक्षित निकाला गया. सेना, NDRF, BSF और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.

गुरदासपुर में बाढ़ की स्थिति

पंजाब के गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, तरनतारन, होशियारपुर, फिरोजपुर और फाजिल्का जैसे जिलों में भारी बारिश और रंजीत सागर बांध से पानी छोड़े जाने के कारण रावी, सतलुज और ब्यास नदियों में जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है. गुरदासपुर में रावी नदी में 14.11 लाख क्यूसेक पानी के बहाव ने स्थिति को और गंभीर बना दिया. जिले के 202 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, और कई इलाकों में 5-7 फीट तक पानी भर गया है. धनगाई गांव जैसे क्षेत्रों में लोग अपने घरों की छतों पर फंस गए थे.

भारतीय सेना का बचाव अभियान

भारतीय सेना की खरगा कोर के सैपर्स ने धनगाई गांव में एक मां और उनके 15 दिन के नवजात को बचाने के लिए 18 किलोमीटर की बाढ़ग्रस्त जमीन को पार किया. मां ने हाल ही में सिजेरियन ऑपरेशन से गुजरी थी, अपने नवजात के साथ घर की पहली मंजिल पर फंसी थी. सेना ने जटिल परिस्थितियों में इस मिशन को अंजाम दिया और दोनों को सुरक्षित निकाल लिया. इसके अलावा, सेना ने गुरदासपुर के लस्सियां गांव में 27 लोगों को चीता हेलीकॉप्टरों के जरिए एयरलिफ्ट किया, जिसमें खराब मौसम और मुश्किल इलाकों में उड़ान भरने की चुनौती शामिल थी.

अन्य बचाव कार्य

राहत और पुनर्वास प्रयास

पंजाब सरकार ने जालंधर में एक स्टेट-लेवल फ्लड कंट्रोल रूम स्थापित किया है, और 88 राहत शिविरों में 6,600 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया है. गुरदासपुर में 12 राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैं, जहां भोजन, दवाइयां, दूध और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है. ड्रोन और ऑल-टेरेन वाहनों का उपयोग दवाइयां और राशन पहुंचाने के लिए किया गया.

पंजाब में अब तक 1,018 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 323 गुरदासपुर में हैं. 23 लोगों की मौत की खबर है, और फसलों और संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है. स्कूलों को बंद रखा गया है और 300 से अधिक स्कूलों में पानी भरने से बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है.

सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा किया और अपने हेलीकॉप्टर को बचाव कार्यों के लिए समर्पित किया. उन्होंने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है जो सेना, BSF, NDRF और SDRF के साथ समन्वय कर रही है. केंद्रीय सहायता की मांग के लिए विपक्षी दलों ने भी आवाज उठाई है.

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रावी और ब्यास नदियों में जलस्तर कम होने के बावजूद, घग्गर नदी के बढ़ते जलस्तर ने पटियाला और संगरूर में बाढ़ का खतरा बढ़ा दिया है. बांधों के पानी के रिसाव और खराब जल निकासी व्यवस्था ने स्थिति को और जटिल किया है. स्थानीय लोग और किसान भारी फसल नुकसान से चिंतित हैं, और विशेष राहत पैकेज की मांग की जा रही है.

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