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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और JMM सुप्रीमो शिबू सोरेन का निधन, हेमंत सोरेन ने की पुष्टि

Shibu Soren

शिबू सोरेन

Shibu Soren Passes Away: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक संरक्षक शिबू सोरेन का सोमवार, 4 अगस्त को निधन हो गया. उनके बेटे और वर्तमान झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी पुष्टि की. शिबू सोरेन की तबीयत पिछले कुछ समय से खराब थी और वे दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती थे.

लंबे समय से अस्पताल में थे भर्ती

शिबू सोरेन को जुलाई 2025 के अंतिम सप्ताह में किडनी से संबंधित समस्याओं के कारण दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती किया गया था. उनकी स्थिति गंभीर होने के कारण उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी और नेफ्रोलॉजी विशेषज्ञों की एक टीम उनके स्वास्थ्य पर नजर रख रही थी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सहित कई नेताओं ने अस्पताल में उनसे मुलाकात की थी.

नेताओं की प्रतिक्रिया

शिबू सोरेन के निधन पर झारखंड और देश भर के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक्स पर लिखा- ‘आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं. आज मैं शून्य हो गया.’ हेमंत सोरेन के इस पोस्ट से उनके निजी और राजनीतिक नुकसान का अंदाजा लगाया जा सकता है. नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके योगदान को याद करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.

पीएम मोदी ने लिखा पोस्ट

इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिबू सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने एक्स पर लिखा- ‘शिबू सोरेन एक ज़मीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में ऊंचाइयों को छुआ. वे आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों के सशक्तिकरण के लिए विशेष रूप से समर्पित थे. उनके निधन से दुःख हुआ. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात की और संवेदना व्यक्त की. ॐ शांति.’

शिबू सोरेन का राजनीतिक योगदान

शिबू सोरेन, जिन्हें ‘दिशोम गुरु’ के नाम से जाना जाता है. उन्होंने झारखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वे तीन बार (2005, 2008, 2009) झारखंड के मुख्यमंत्री रहे, हालांकि वे कभी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. इसके अलावा, वे आठ बार दुमका से लोकसभा सांसद और दो बार राज्यसभा सांसद भी रहे थे. 2004 में यूपीए सरकार में वे कोयला और खनन मंत्री भी रहे. JMM के संस्थापक के रूप में उन्होंने आदिवासियों, गरीबों और वंचितों के अधिकारों के लिए लंबी लड़ाई लड़ी.

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शिबू सोरेन का निधन न केवल JMM के लिए, बल्कि पूरे झारखंड के लिए एक अपूरणीय क्षति है. उनके परिवार में बेटे हेमंत सोरेन जो वर्तमान मुख्यमंत्री हैं, बहु कल्पना सोरेन (विधायक) और बेटे बसंत सोरेन शामिल हैं, जो उनके निधन के समय दिल्ली में मौजूद हैं. जनता और कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर उनके प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की.

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