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पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पेंशन के लिए किया अप्लाई, राजस्थान विधानसभा में दिया आवेदन, जानिए क्या मिलेंगी सुविधाएं

Jagdeep dhankhar pension amount

पेंशन के लिए धनखड़ ने किया अप्लाई

Jagdeep Dhankhar Pension: भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति और राजस्थान के किशनगढ़ से पूर्व विधायक जगदीप धनखड़ ने हाल ही में राजस्थान विधानसभा से पेंशन के लिए आवेदन किया है. स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद धनखड़ ने यह कदम उठाया है. उनके आवेदन की प्रक्रिया विधानसभा सचिवालय में शुरू हो चुकी है, और उन्हें नियमों के मुताबिक लगभग 42,000 रुपये मासिक पेंशन मिलने की संभावना है. यह खबर राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है.

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विधानसभा से पेंशन के लिए आवेदन किया है. धनखड़ 1993 में कांग्रेस के टिकट पर अजमेर जिले की किशनगढ़ सीट से विधायक चुने गए थे. राजस्थान विधानसभा के नियमों के मुताबिक, पूर्व विधायकों को पेंशन का अधिकार है और धनखड़ को लगभग 42,000 रुपये मासिक पेंशन मिलने की उम्मीद है. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पुष्टि की है कि धनखड़ का आवेदन प्राप्त हो गया है, और इसकी स्वीकृति के लिए प्रक्रिया चल रही है.

दोहरी-तिहरी पेंशन व्यवस्था

राजस्थान में नेताओं के लिए दोहरी-तिहरी पेंशन की व्यवस्था लागू है, जिसके तहत पूर्व सांसद और विधायक दोनों पदों की पेंशन प्राप्त कर सकते हैं. धनखड़, जो 1989-1991 तक झुंझुनू से जनता दल के सांसद और 1993-1998 तक किशनगढ़ से विधायक रहे, इस व्यवस्था के तहत पेंशन के हकदार हैं. इस प्रावधान के कारण कई पूर्व नेता एक साथ विभिन्न पदों की पेंशन लेते हैं, जिसे लेकर समय-समय पर विवाद भी उठते रहे हैं.

स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा

जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अपने फैसले की जानकारी दी. इस्तीफे के बाद धनखड़ सार्वजनिक रूप से कम दिखाई दिए और कोई बयान भी सामने नहीं आया. उनके इस्तीफे ने राजनीतिक हलकों में कई सवाल खड़े किए, खासकर क्योंकि यह संसद के मानसून सत्र के दौरान हुआ.

सरकारी आवास और अन्य सुविधाएं

पूर्व उपराष्ट्रपति के रूप में धनखड़ को आजीवन सरकारी आवास का अधिकार है. केंद्र सरकार ने उन्हें दिल्ली के लुटियंस जोन में 34 एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर एक टाइप-8 बंगला आवंटित किया है. हालांकि, धनखड़ ने अभी तक अपने आवास के लिए कोई औपचारिक आवेदन नहीं किया है, लेकिन उनके सामान की पैकिंग और नए आवास की व्यवस्था की प्रक्रिया चल रही है.

राजनीतिक करियर का सफर

जगदीप धनखड़ का राजनीतिक करियर तीन दशकों से अधिक का रहा है. वे 1989-1991 तक झुंझुनू से लोकसभा सांसद, 1993-1998 तक किशनगढ़ से विधायक, चंद्रशेखर सरकार में संसदीय कार्य राज्य मंत्री, 2019-2022 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और 2022-2025 तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे. धनखड़ ने जनता दल, कांग्रेस और BJP जैसे विभिन्न दलों के साथ काम किया है.

विपक्ष की प्रतिक्रिया

धनखड़ के इस्तीफे और पेंशन आवेदन को लेकर विपक्ष ने कई सवाल उठाए हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर टिप्पणी करते हुए पूछा था कि ‘राज्यसभा में जिनकी आवाज गूंजती थी, वे अचानक चुप क्यों हो गए?’ अन्य विपक्षी नेताओं, जैसे जयराम रमेश और कपिल सिब्बल, ने भी उनके इस्तीफे को अप्रत्याशित बताया और इसके पीछे स्वास्थ्य के अलावा अन्य कारणों की ओर इशारा किया.

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चर्चा और विवाद

धनखड़ का पेंशन आवेदन चर्चा में इसलिए भी है क्योंकि उच्च संवैधानिक पदों पर रहे व्यक्ति आमतौर पर व्यक्तिगत रूप से पेंशन के लिए आवेदन कम ही करते हैं. उनके इस्तीफे और इसके बाद की चुप्पी ने सियासी अटकलों को जन्म दिया है. कुछ विपक्षी नेताओं ने उनके इस्तीफे को बीजेपी और आरएसएस की आंतरिक राजनीति से जोड़ा, जबकि अन्य ने इसे स्वास्थ्य से संबंधित सामान्य निर्णय बताया.

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