Indigo Crisis: इंडिगो संकट के बीच यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. फ्लाइट्स कैंसिल होने से यात्री एयरपोर्ट पर असमंजस की स्थिति में दिखाई दिए. उनके सामने परेशानी ये भी आ गई कि दूसरी एयरलाइन्स ने किराया इतना बढ़ा दिया कि हर किसी के लिए ऐसी आपात स्थिति में सफर करना आसान नहीं था. अचानक दूसरी विमानन कंपनियों द्वारा किराए में बढ़ोतरी का लोगों ने काफी विरोध किया है और अब इसका संज्ञान लेते हुए सरकार ने फेयर कैप लागू कर दिया है. सरकार के आदेश के मुताबिक, किसी भी यात्री से दूरी के अनुपात में अधिकतम किराया 18000 रुपए से ज्यादा नहीं वसूला जा सकता है.
मंत्रालय ने लागू किया फेयर कैप
उड्डयन मंत्रालय ने अपने निर्देश में कहा है कि किसी भी परिस्थिति में यात्रियों से मनमानी या अवसरवादी तरीके से किराए की वसूली को स्वीकार नहीं की जाएगी. मंत्रालय ने इसको लेकर सभी प्रभावित रूटों पर फेयर कैप लागू कर दिया है, जिसके तहत विमानन कंपनियों को तय अधिकतम सीमा से ऊपर किराया लेने की इजाजत नहीं होगी.
मंत्रालय ने कहा है कि फेयर कैप लगाने का उद्देश्य मार्केट में मूल्य अनुशासन बनाए रखना, संकट में फंसे यात्रियों का शोषण रोकना और उन नागरिकों को राहत देना है जिन्हें तुरंत यात्रा करनी पड़ रही है. इसमें वरिष्ठ नागरिक, छात्र और मरीज भी शामिल हैं. मंत्रालय के मुताबिक, संकट के समय इनसे मोटा किराया वसूलकर आर्थिक बोझ नहीं डाला जा सकता है.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने तय किया किराया
देश के विभिन्न एयरपोर्ट पर यात्रियों की लंबी लाइनें देखी जा सकती हैं. इंडिगो के यात्रियों पर फ्लाइट में देरी और रद्द करने का असर जारी है. कई यात्री 2-2 दिन तक परेशान रहे हैं और किसी तरह अपने गंतव्य तक पहुंचे हैं, लेकिन इसके बावजूद उनका सामान उन तक नहीं पहुंचा है. भोपाल, इंदौर, रायपुर, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू से लेकर कोलकाता-मुंबई तक हजारों की संख्या में यात्रियों को ऐसी परेशानियों का सामना करना पड़ा है.
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स्थिति हो रही सामान्य
बता दें कि इंडिगो की शुक्रवार को भी 1000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो गई थीं, जिसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था. हालांकि, अब सरकार द्वारा रोस्टर वाला आदेश वापस ले लिया गया है और स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, लेकिन फिर भी कोलकाता, पटना और देश के अन्य एयरपोर्ट्स पर लंबी-लंबी कतारें दिखाई दे रही हैं.
