Sanchar Saathi App: पिछले कुछ दिनों से संचार साथी एप को लेकर गहमागहमी जारी है. जहां केंद्र सरकार इसे सिक्योरिटी टूल बता रही थी, वहीं विपक्ष ने इसे जासूसी करने वाला एप बताया था. दूरसंचार विभाग (Department Of Telecommunications) ने संचार साथी एप के प्री-इंस्टॉलेशन की अनिवार्य का आदेश वापस ले लिया है. केंद्र सरकार ने स्मार्ट फोन बनाने वाली कंपनियों को हर मोबाइल फोन में एप के प्री-लोड का आदेश दिया है.
दूरसंचार विभाग ने बुधवार (3 दिसंबर) को प्रेस रिलीज जारी करके कहा कि संचार साथी एप के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए केंद्र सरकार ने मोबाइल निर्माता कंपनियों के लिए एप प्री-लोड की अनिवार्यता का फैसला वापस लिया है.
केंद्र सरकार के आदेश में क्या था?
दरअसल, 28 नवंबर को दूरसंचार विभाग (DoT) ने आदेश दिया था कि स्मार्ट फोन बनाने वाली कंपनियों को मोबाइल फोन्स में संचार साथी एप को प्री-इंस्टॉल करना होगा. इसके अलावा पुराने फोन्स में अपडेट की मदद से एप इंस्टॉल करने के निर्देश दिए थे. केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया था कि ये एप ना तो मोबाइल से डिसेबल हो सकेगी और ना ही डिलीट किया जा सकता है.
देश के हर नागरिक की डिजिटल सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। ‘संचार साथी’ ऐप का उद्देश्य है कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी निजता की रक्षा कर सके और ऑनलाइन ठगी से सुरक्षित रह सके।
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) December 2, 2025
यह एक पूरी तरह स्वैच्छिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था है-यूज़र चाहें तो ऐप को सक्रिय कर इसके लाभ ले सकते…
रिकॉर्ड संख्या में डाउनलोड हुआ एप
संचार साथी एप के डाउनलोड ने नया रिकॉर्ड बनाया है. आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक हर दिन इस एप के 60 हजार डाउनलोड हैं. डाउनलोड का आंकड़ा मंगलवार को करीब 6 लाख के पार पहुंच गया. एक स्त्रोत के मुताबिक मंगलवार को संचार साथी एप को 10 गुना से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया.
‘डिजिटल सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता’
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि डिजिटल सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि देश के हर नागरिक की डिजिटल सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. ‘संचार साथी’ एप का उद्देश्य है कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी निजता की रक्षा कर सके और ऑनलाइन ठगी से सुरक्षित रह सके.
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उन्होंने लिखा कि यह एक पूरी तरह स्वैच्छिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था है-यूज़र चाहें तो ऐप को सक्रिय कर इसके लाभ ले सकते हैं, और न चाहें तो, वे किसी भी समय इसे अपने फोन से आसानी से डिलीट कर सकते हैं.
