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अरे गजब! शराब के ठेके की लगी 98 करोड़ की बोली, हरियाणा सरकार मालामाल

Haryana Liquor Auction

प्रतीकात्मक तस्वीर

Haryana Liquor Auction: अगर आपको लगता है कि गुरुग्राम में सिर्फ चमचमाते मॉल्स, ऊंची इमारतें और रियल एस्टेट ही पैसे की बारिश करते हैं, तो जरा ठहरिए. यहां शराब का कारोबार अब नया रिकॉर्ड बना रहा है, जिसने सबके होश उड़ा दिए हैं. गुरुग्राम के पॉश गोल्फ कोर्स रोड पर बने ब्रिस्टल चौक ने शराब लाइसेंस की नीलामी में 98.6 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड-तोड़ बोली हासिल की है. जी हां, आपने सही सुना. ये हरियाणा की अब तक की सबसे महंगी शराब ठेके की नीलामी है, जिसने न सिर्फ लोगों को, बल्कि हरियाणा के आबकारी विभाग को भी हैरान कर दिया है.

क्या है पूरा माजरा?

दरअसल, हर साल हरियाणा सरकार शराब की दुकानों के लाइसेंस की नीलामी करती है. इस बार गुरुग्राम के ब्रिस्टल चौक जोन ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. पिछले साल (2024-25) यही जोन 49.3 करोड़ रुपये में नीलाम हुआ था. लेकिन इस बार सरकार ने इसे और बड़ा खेल खेला. नई शराब नीति के तहत लाइसेंस की अवधि को 12 महीने से बढ़ाकर 22 महीने (जून 2025 से मार्च 2027) कर दिया गया. साथ ही, इस जोन का रिजर्व प्राइस भी लगभग दोगुना करके 94.6 करोड़ कर दिया गया. फिर क्या था? G-Town Wines नाम की कंपनी ने झट से 98.6 करोड़ की बोली लगाई और इस जोन को अपने नाम कर लिया. खास बात ये कि इस जोन में सिर्फ़ दो शराब की दुकानें खोलने की इजाज़त है. अब आप ही बताइए, इतनी मोटी रकम सिर्फ़ दो दुकानों के लिए?

हरियाणा का ‘शराबी’ खजाना

गुरुग्राम को हरियाणा की आर्थिक राजधानी यूं ही नहीं कहा जाता. यह शहर राज्य के शराब राजस्व का 35-40% हिस्सा अकेले देता है. हाल की नीलामियों में गुरुग्राम ने 1,270 करोड़ रुपये की कमाई की, जो तय रिजर्व प्राइस 1,198 करोड़ रुपये से 6% ज़्यादा है. ब्रिस्टल चौक के अलावा, गुरुग्राम के बाकी जोन भी पीछे नहीं रहे.

और ये तो बस शुरुआत है. दरअसल, गुरुग्राम वेस्ट के 21 जोन की नीलामी 3 जून को होगी, जबकि ईस्ट जोन के 29 जोन की बोली 5 जून को लगेगी. यानी, अभी और ड्रामा बाकी है. हरियाणा सरकार ने 5 मई 2025 को नई शराब नीति को मंजूरी दी, जिसने इस नीलामी को और रोमांचक बना दिया. इस नीति में कई बड़े बदलाव किए गए हैं.

लाइसेंस की अवधि: अब 12 की जगह 22 महीने.
शराब की दुकानों का समय: शहरी इलाकों में दुकानों के खुलने-बंद होने का समय तय.
आहातों पर पाबंदी: ओपन बार में लाइव परफॉर्मेंस पर रोक.

गांवों में प्रतिबंध: 500 से कम आबादी वाले गांवों में शराब की बिक्री बंद.

इस नीति का असर साफ दिख रहा है. हरियाणा के उप आबकारी आयुक्त अमित भाटिया का कहना है, “इस बार की नीलामी में कारोबारियों का उत्साह देखने लायक है. ये दिखाता है कि नई नीति को व्यापारियों का भरोसा मिल रहा है.” सरकार ने इस नीति से 14,064 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा है. पिछले साल (2024-25) 12,650 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 11,491 करोड़ रुपये (करीब 90%) की वसूली हुई थी. इस बार का लक्ष्य बड़ा है, लेकिन नीलामी का रुझान देखकर लगता है कि सरकार इसे पार कर सकती है.

क्यों है इतना क्रेज?

आप सोच रहे होंगे कि आखिर इतनी मोटी बोली क्यों? बात साफ है कि गुरुग्राम का पॉश इलाका, खासकर गोल्फ कोर्स रोड, अमीरों और कॉरपोरेट्स का गढ़ है. यहां शराब की खपत भी ज़्यादा है, और प्रीमियम ब्रांड्स की डिमांड आसमान छूती है. दो दुकानों से होने वाली कमाई इतनी ज़्यादा हो सकती है कि 98.6 करोड़ रुपये की बोली भी मुनाफे का सौदा बन जाए.

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