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अयोध्या में बंदरों के लिए अनशन, राजकोट में प्रदर्शन, सीएम रेखा पर हमला करने वाले की कहानी में नया मोड़

CM Rekha Gupta

गुजरात के राजेश खिमजी ने रेखा गुप्ता पर किया हमला

Delhi: 20 अगस्त को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान एक हैरान करने वाला हमला हुआ. हमलावर, 41 वर्षीय राजेश भाई खिमजी सकरिया, गुजरात के राजकोट का निवासी है. उसने न केवल सीएम पर हमला किया, बल्कि अपनी कहानी से जांच एजेंसियों को चौंका दिया है. अयोध्या में बंदरों के लिए अनशन, राजकोट में पशु हितों के लिए प्रदर्शन और अब शिवलिंग के सपने का दावा, यह कहानी किसी बॉलीवुड थ्रिलर से कम नहीं!

कैसे हुआ हमला?

20 अगस्त की सुबह करीब 8:30 बजे, रेखा गुप्ता सिविल लाइंस में जनसुनवाई कर रही थीं. लोग अपनी-अपनी शिकायतें लेकर आए थे, और माहौल सामान्य था. तभी राजेश खिमजी, एक शिकायतकर्ता के रूप में, कुछ कागजात लेकर सीएम के पास पहुंचा. अचानक उसने रेखा गुप्ता को थप्पड़ मारा, उनके बाल खींचे. दीवार के सहारे होने के कारण सीएम गिरने से बचीं, लेकिन उनके सिर और कंधे पर चोट आई. वहां मौजूद लोगों ने राजेश को पकड़ लिया, और सुरक्षाकर्मियों ने उसे हिरासत में ले लिया. इस एक मिनट के हंगामे ने दिल्ली की सियासत में तूफान ला दिया.

कौन है राजेश खिमजी?

41 वर्षीय राजेश भाई खिमजी राजकोट के कोठारिया रोड पर अपने परिवार के साथ रहता है. वह एक रिक्शा चालक परिवार से आता है और खुद को पशु प्रेमी बताता है. पड़ोसियों के मुताबिक, वह गायों को चारा खिलाता है और कुत्तों की देखभाल करता है. उसकी मां भानु बेन ने बताया कि वह भगवान शिव का भक्त है और महीने में दो बार मंदिर जाता है. लेकिन सबसे चौंकाने वाला दावा यह है कि राजेश ने पुलिस को बताया कि उसे सपने में शिवलिंग दिखा, जिसने उसे दिल्ली जाने के लिए प्रेरित किया.

अयोध्या में बंदरों का अनशन

पुलिस जांच में पता चला कि राजेश मई 2025 में अयोध्या गया था, जहां उसने बंदरों के हितों के लिए अनशन किया था. उसका दावा था कि अयोध्या में बंदरों के लिए बेहतर व्यवस्था की जरूरत है. यह अनशन स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बना, और राजेश को ‘पशु प्रेमी’ के रूप में पहचान मिली. लेकिन सवाल यह है कि क्या यह अनशन केवल पशु प्रेम का परिणाम था, या इसके पीछे कोई और मकसद था?

राजकोट में प्रदर्शन

राजेश ने राजकोट में भी पशु हितों के लिए कई प्रदर्शन किए. उसकी मां और पड़ोसियों के मुताबिक, वह गायों को रोटी खिलाने और आवारा कुत्तों की देखभाल में समय बिताता था. सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों को पकड़ने के आदेश से वह खासा नाराज था. उसने अपने पिता को फोन पर बताया कि वह इस आदेश के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने जा रहा है. लेकिन दिल्ली पुलिस का कहना है कि राजेश के पास न तो कोई प्रदर्शन का पोस्टर था, न ही कोई सबूत जो इस दावे की पुष्टि करे.

रेकी और सुनियोजित हमला?

पुलिस जांच ने इस मामले को और पेचीदा बना दिया. सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि राजेश ने हमले से 24 घंटे पहले रेखा गुप्ता के शालीमार बाग स्थित निजी आवास और सिविल लाइंस कार्यालय की रेकी की थी. वह रिक्शे से सीएम के आवास पहुंचा और स्टाफ से जनसुनवाई का समय और पता लिया. दिल्ली पुलिस उसकी कॉल डिटेल्स और सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वह किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा था. दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा ने इसे ‘सुनियोजित हत्या की कोशिश’ करार दिया.

शिवलिंग का सपना

राजेश ने पूछताछ में दावा किया कि उसे सपने में शिवलिंग दिखा, जिसने उसे दिल्ली जाने को कहा. इसके अलावा यह भी दावा किया है कि काल भैरव सपने में आए, बोले दिल्ली जाओ.’

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सीएम की सुरक्षा में बदलाव

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमले के बाद उनकी सुरक्षा को और सख्त कर दिया गया है. केंद्र सरकार ने उनकी सुरक्षा को Z कैटेगरी से बढ़ाकर CRPF की Z+ कैटेगरी सुरक्षा प्रदान की है. इसमें 20 से अधिक सुरक्षाकर्मी, कमांडो, ड्राइवर, और एस्कॉर्ट वाहनों के साथ 24 घंटे तैनाती शामिल है. हमले के बाद दिल्ली पुलिस ने भी उनके आवास और कैंप कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी है, और गृह मंत्रालय को घटना की जानकारी दी गई है.

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