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सोशल मीडिया से सड़क तक… ‘आई लव मोहम्मद’ बनाम ‘आई लव महाकाल’, जानें क्यों मचा है बवाल

I Love Muhammad Controversy

आई लव मोहम्मद बनाम आई लव महाकाल

I Love Muhammad Controversy: कानपुर की गलियों से शुरू हुआ एक छोटा-सा बैनर विवाद अब पूरे देश में तूफान बन चुका है. बात शुरू हुई थी एक साधारण बोर्ड से, जिस पर लिखा था ‘आई लव मोहम्मद’, लेकिन देखते ही देखते यह मामला ‘आई लव महाकाल’ और ‘आई लव महादेव’ के जवाबी नारों तक पहुंच गया. कहीं पत्थरबाजी, कहीं आगजनी, तो कहीं गरबा पंडालों में पोस्टर. यह विवाद अब सिर्फ कानपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक तक फैल चुका है. आइए, इस पूरे मसले को विस्तार से आसान भाषा में समझते हैं.

कानपुर से हुई शुरुआत

4 सितंबर 2025 को कानपुर के रावतपुर इलाके में ईद-ए-मिलादुन्नबी के जुलूस के दौरान एक लाइट बोर्ड लगा, जिस पर लिखा था ‘आई लव मोहम्मद’. यह बोर्ड रामनवमी जुलूस के रास्ते पर था, जिससे स्थानीय हिंदू समुदाय को आपत्ति हुई. कुछ लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला बताया. फिर पुलिस ने बोर्ड हटाया, लेकिन बात नहीं रुकी. 9 सितंबर को पुलिस ने 9 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की, जिसमें साम्प्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप लगाया गया. लेकिन यह सिर्फ शुरुआत थी.

गुजरात में गरबा पंडालों में हंगामा

नवरात्रि के रंग में डूबा गुजरात भी इस विवाद से अछूता नहीं रहा. गांधीनगर के देहगाम में ‘आई लव मोहम्मद’ के नारों के साथ पत्थरबाजी की खबरें आईं. गरबा पंडालों में माहौल गरमाया, वाहनों के शीशे टूटे और दो दुकानों में आग लगा दी गई. पुलिस ने तुरंत कदम उठाए और स्थिति को काबू में किया, लेकिन तनाव अब भी बरकरार है.

मुंबई में ‘आई लव महादेव’ का जवाब

महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी यह विवाद गरबा पंडालों तक पहुंचा. युवा और महिलाएं ‘आई लव महादेव’ के पोस्टर लेकर गरबा में शामिल होने लगे. आरे कॉलोनी के एक पंडाल में यह नजारा खासा चर्चा में रहा. यह जवाबी कैंपेन सोशल मीडिया पर भी जोर पकड़ रहा है.

मध्य प्रदेश के इंदौर में नवरात्रि के बीच ‘आई लव मोहम्मद’ के बैनर लगाए गए. विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने इसे हिंदू भावनाओं के खिलाफ बताया और बैनर हटवाए. VHP का कहना है कि यह जानबूझकर हिंदू-बहुल इलाकों में माहौल बिगाड़ने की कोशिश थी. वहीं, कर्नाटक के देवानगेरे में भी ‘आई लव मोहम्मद’ का फ्लेक्स बोर्ड विवाद का कारण बना. कुछ लोगों ने बैनर हटाने की मांग की, जिसके बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई. पुलिस ने हालात संभाले और बैनर हटवाया, लेकिन दोनों पक्षों के बीच तनाव अब भी बना हुआ है.

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सोशल मीडिया ने बढ़ाया तनाव

यह विवाद सिर्फ सड़कों तक सीमित नहीं रहा. X और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर #ILoveMuhammad और #ILoveMahakal जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे. दोनों समुदायों के बीच ऑनलाइन तीखी बहस छिड़ गई. कुछ लोग इसे धार्मिक स्वतंत्रता का मामला बता रहे हैं, तो कुछ इसे साम्प्रदायिक तनाव भड़काने की साजिश कह रहे हैं.

पुलिस और प्रशासन की चुनौती

पुलिस के लिए यह विवाद अब एक बड़ी चुनौती बन गया है. कानपुर, गांधीनगर, इंदौर और देवानगेरे में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की, लेकिन देशभर में फैल रहे इस विवाद को रोकना आसान नहीं. प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह आग अब थमेगी?

क्या है इस विवाद का असली मकसद?

कई लोग मानते हैं कि यह सिर्फ बैनरों का मामला नहीं है. कुछ का कहना है कि यह धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश हो सकती है, खासकर तब जब नवरात्रि जैसे बड़े त्योहार चल रहे हैं. दूसरी ओर, कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की आजादी का हिस्सा मान रहे हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि इस विवाद ने समाज में पहले से मौजूद दरारों को और गहरा कर दिया है.

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