UP News: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में सियासी हलचल तेज हो गई है. जिले का नाम बदलने की मांग को लेकर राजनीतिक दलों के बीच तीखी बहस के बीच बीजेपी विधायक की मांग को सपा सांसद ने अपना समर्थन दिया है. यह मामला तब बड़ा हुआ जब बीजेपी की विधायक केतकी सिंह ने पूर्वांचल के कुछ जिलों के नाम बदलने की मांग उठाई. इसके बाद इस मांग को समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद सनातन पांडे ने भी समर्थन दे दिया.
सपा सांसद ने तो बलिया का नाम स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी मंगल पांडे के नाम पर रखने का सुझाव दिया है, जबकि गाजीपुर का नाम महर्षि जमदग्नि के नाम पर रखने का आईडिया दिया है. यह मुद्दा अब स्थानीय स्तर से आगे बढ़कर पूरे पूर्वांचल में चर्चा का विषय बन गया है. लेकिन इन सब के बीच ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या सपा सांसद के साथ पार्टी पूजा पाल वाला खेल खेलेगी या फिर जाने देगी. बता दें कि हाल ही में विधायक पूजा पाल ने सीएम योगी की जमकर तारीफ की थी, जिसके बाद सपा ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था. अब देखना होगा कि सनातन पांडे के बयान पर पार्टी क्या रुख अपनाती है.
बीजेपी विधायक केतकी सिंह की पहल
दरअसल, बीजेपी विधायक केतकी सिंह ने हाल ही में गाजीपुर, आजमगढ़ और मऊ जिलों के नाम बदलने की मांग की थी. उन्होंने तर्क दिया कि इन जिलों के वर्तमान नामों का ऐतिहासिक महत्व कम है और इन्हें प्राचीन या स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े नामों से प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए. केतकी सिंह ने कहा कि ऐसी पहल से स्थानीय इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को मजबूती मिलेगी. उनकी इस मांग ने बीजेपी समर्थकों में उत्साह पैदा कर दिया, लेकिन विपक्षी दलों ने इसे सियासी स्टंट करार दिया. बलिया जिले का नाम बदलने का मुद्दा भी इसी संदर्भ में उठा, जो अब सपा सांसद के समर्थन से और गरमा गया है.
सनातन पांडे की अपील
समाजवादी पार्टी के सांसद सनातन पांडे ने बीजेपी विधायक की मांग का खुलकर समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि गाजीपुर का नाम महर्षि जमदग्नि के नाम पर रखा जाना चाहिए, जो एक प्राचीन ऋषि हैं और इस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं. इसी तरह, बलिया का नाम 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक मंगल पांडे के नाम पर रखने का सुझाव दिया. सनातन पांडे ने कहा- ‘यह नाम परिवर्तन न केवल ऐतिहासिक न्याय होगा, बल्कि युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा भी देगा.’
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मंगल पांडे और महर्षि जमदग्नि का महत्व
मंगल पांडे का नाम सुनते ही 1857 की क्रांति याद आती है. वे बैरकपुर छावनी में सिपाही थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका. बलिया जिले से उनका गहरा संबंध होने के कारण नाम बदलने की मांग को स्थानीय लोग स्वीकार करने को तैयार हैं. वहीं, महर्षि जमदग्नि रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों में वर्णित एक महान ऋषि हैं, जिनका आश्रम गाजीपुर क्षेत्र में माना जाता है. नाम परिवर्तन समर्थक तर्क देते हैं कि इससे क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान मजबूत होगी, जबकि विरोधी इसे अनावश्यक खर्च और विभाजनकारी राजनीति मानते हैं.
