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ये कैसा कानून! केंद्र की आलोचना पर छूट, लेकिन राज्य सरकार की आलोचना पर रोक, जानें पूरा मामला

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केरल

Kerala: केरल की वामपंथी सरकार ने हाल ही में केरल यूनिवर्सिटी लॉज़ (अमेंडमेंट) बिल 2025 नाम का एक विवादास्पद विधेयक पेश किया है. इस विधेयक के तहत राज्य के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को राज्य सरकार या उसकी नीतियों की आलोचना करने से रोकने का प्रावधान है. हालांकि, इस बिल में यह स्पष्ट किया गया है कि शिक्षक केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करने के लिए स्वतंत्र हैं.

मातृभूमि अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बिल का मुख्य प्रावधान शिक्षकों को राज्य सरकार के खिलाफ बोलने या कोई गतिविधि करने से रोकता है. लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि केंद्र सरकार की नीतियों और कानूनों की आलोचना करने की पूरी छूट दी गई है. इस विधेयक ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर बहस छेड़ दी है. केरल सरकार का दावा है कि यह विधेयक उच्च शिक्षा में सुधार और अनुशासन को बढ़ावा देने के लिए लाया गया है. इसका मकसद विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक और शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर करना है.

बिल में क्या ?

मगर सरकार के तर्कों के विपरीत इस को लेकर आलोचनाएं हो रहीं हैं. बिल के अनुसार, शिक्षकों को राज्य सरकार की नीतियों या उसके कार्यों की सार्वजनिक आलोचना करने से रोका जाएगा. ऐसा करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है. इसके साथ ही शिक्षकों को केंद्र सरकार की नीतियों या कार्यों की आलोचना करने की अनुमति दी गई है. जिसे कई लोगों ने ‘चुनिंदा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ करार दिया है.

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विपक्षी दलों, खासकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस बिल को लोकतंत्र के खिलाफ बताया है. उनका कहना है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का प्रयास है. सोशल मीडिया, खासकर X पर, इस बिल को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं. कई यूजर्स ने इसे ‘लोकतंत्र के लिए खतरा’ बताया, जबकि कुछ ने इसे वामपंथी सरकार की ‘दोहरी नीति’ करार दिया है.

इस बिल का एक और विवादास्पद पहलू यह है कि यह विश्वविद्यालय परिसर में बांटे जाने वाले किसी भी लिखित, मुद्रित या इलेक्ट्रॉनिक सामग्री को सख्ती से नियंत्रित करता है. बिल के मुताबिक, ऐसी कोई भी सामग्री बिना विश्वविद्यालय की पूर्व अनुमति के बांटी जा सकती है, बशर्ते वह राज्य सरकार और विश्वविद्यालय की नीतियों के अनुरूप हो. साथ ही, ऐसी सामग्री में यह स्पष्ट करना होगा कि इसका जिम्मेदार कौन है.

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