INDIA Alliance:: विपक्षी दलों ने बिहार में वोटर लिस्ट की कथित अनियमितताओं और ‘वोट चोरी’ के आरोपों के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की योजना बनाई है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी गठबंधन (INDIA ब्लॉक) इस मुद्दे पर एकजुट हो रहा है और संसद में इस प्रस्ताव को पेश करने की रणनीति तैयार कर रहा है. यह कदम चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाने और सरकार पर दबाव बनाने का हिस्सा माना जा रहा है.
बिहार में मतदाता सूची पर सवाल
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्षी दलों ने ‘वोट चोरी’ का गंभीर आरोप लगाया है. इंडिया गठबंधन, जिसमें कांग्रेस, राजद और अन्य दल शामिल हैं, उनका दावा है कि मतदाता सूची में हेराफेरी की जा रही है, जिसका मकसद सत्तारूढ़ BJP को फायदा पहुंचाना है. इसके साथ ही राहुल गाँधी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर EC पर फर्जी वोटिंग, वोट चोरी सहित कई गंभीर आरोप लगाए. जिसके बाद विपक्ष के इन आरोपों ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को विपक्ष के निशाने पर ला दिया है.
#WATCH | दिल्ली: INDIA गठबंधन के नेताओं ने संसद में राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यालय में बैठक की।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 18, 2025
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चुनाव आयोग की तीखी प्रतिक्रिया
रविवार, 17 अगस्त को चुनाव आयोग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया. उन्होंने कहा कि आयोग निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम करता है और ‘वोट चोरी’ के दावों को आधारहीन बताया. आयोग ने विपक्षी नेता राहुल गांधी को अपने बयानों के लिए सात दिनों में हलफनामा देने या माफी मांगने की चेतावनी तक दी है. इस कदम को विपक्ष ने आयोग का ‘अहंकारी रवैया’ करार दिया, जिसने महाभियोग की मांग को और हवा दी है.
महाभियोग प्रस्ताव की योजना
इंडिया गठबंधन ने मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की संभावनाओं पर चर्चा शुरू कर दी है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में विपक्षी नेताओं ने इस कदम को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बताया. विपक्ष का कहना है कि आयोग की कार्यशैली ने संवैधानिक संस्था की विश्वसनीयता को कमजोर किया है. हालांकि, संसद में महाभियोग प्रस्ताव पास करना आसान नहीं होगा, क्योंकि इसके लिए दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है.
#WATCH | दिल्ली: कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कहा, "मुख्य चुनाव आयुक्त ने भाजपा से यही अनुरोध क्यों नहीं किया? उन्होंने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त भाजपा के साथ कांग्रेस जैसा व्यवहार क्यों नहीं कर रहे हैं? मुझे लगता है… pic.twitter.com/NPmsSd8OGk
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कांग्रेस का आक्रामक रुख
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने BJP की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कोई सवाल नहीं उठाया, लेकिन विपक्ष के सवालों को चुनौती दी, जो उनकी पक्षपातपूर्ण मंशा को दर्शाता है. राहुल गांधी ने भी मतदाता सूची में कथित हेराफेरी को लेकर आयोग से जवाब मांगा है. गोगोई ने चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कहा- ‘मुख्य चुनाव आयुक्त ने भाजपा से यही अनुरोध क्यों नहीं किया? उन्होंने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त भाजपा के साथ कांग्रेस जैसा व्यवहार क्यों नहीं कर रहे हैं? मुझे लगता है कि मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस संवैधानिक पद की गरिमा को कमज़ोर किया गया है.’
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महाभियोग प्रस्ताव, भले ही पास न हो, विपक्ष के लिए एक मजबूत सांकेतिक कदम हो सकता है. यह कदम न केवल चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाएगा, बल्कि विपक्ष की एकजुटता को भी प्रदर्शित करेगा. संसद के आगामी सत्र में इस मुद्दे पर तीखी बहस और प्रदर्शन की संभावना है. विपक्ष इसे लोकतंत्र की रक्षा के लिए जरूरी बता रहा है.
