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‘हमने हमारा काम कर दिया…’, वक्फ बिल के विरोध में साथ नहीं INDI गठबंधन, बोले संजय राउत- हमारे लिए ये फाइल अब बंद

Sanjay Raut

संजय राउत

INDI Alliance: वक्फ संशोधन विधयेक के दोनों सदनों में पास होने के बाद अब विपक्ष सुप्रीम कोर्ट का रुख अपना रहा है. कांग्रेस, AIMIM और AAP ने सुप्रीम कोर्ट में वक्फ बिल के खिलाफ याचिका दायर की है. लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ इंडिया ब्लॉक एक साथ था. मगर अब इंडिया ब्लॉक में दरार दिख रही है.

दोनों सदनों में बिल का विरोध करने वाली शिवसेना (UBT) SC का रुख करने से खुद को INDIA से अलग कर रही है. शिवसेना (UBT) ने साफ कर दिए है कि उनके लिए अब वक्फ बिल की फाइल बंद हो चुकी है.

विधेयक के खिलाफ नहीं जाएंगे SC- राउत

INDI Alliance में शामिल दलों के बीच वक्फ बिल पर अब एक राय नहीं बन पा रही. जहां एक ओर कांग्रेस, DMK, AIMIM और AAP संसद से पारित इस विधेयक को ‘असंवैधानिक’ बताते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रहे हैं, वहीं इंडिया ब्लॉक में शामिल उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना-यूबीटी ने विधेयक के खिलाफ सर्वोच्च अदालत नहीं जाने की बात कही है.

हालांकि, उद्धव सेना ने इस बिल का लोकसभा और राज्यसभा में पुरजोर विरोध किया था. मगर अब पार्टी का कहना है कि उसके लिए यह फाइल अब बंद हो चुकी है. वो सर्वोच्च न्यायलय नहीं जाएंगे.

बता दे कि बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. वह इस बिल को लेकर बनीं जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) के सदस्य भी थे. इस बारे में पूछे जाने पर शिवसेना-यूबीटी के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा- ‘हम सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएंगे. हमने हमारा काम कर दिया है. जो कहना था, जो बोलना था वो सब संसद के दोनों सदनों में हो गया. हमारे लिए ये फाइल अब बंद हो गई है.’

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बिल से उद्योगपतियों को मिलेगा फायदा- राउत

बिल पर चर्चा के दौरान संजय राउत ने इसका पूरा विरोध किया था. भाजपा की आलोचना करते हुए उन्होंने इस बिल को उद्योगपतियों के फायदे के लिए बनाया गया एजेंडा बताया था. राउत ने कहा था- ‘वक्फ बिल का हिंदुत्व से कोई लेना-देना नहीं है. यह एक सामान्य बिल है. अगर कोई इसे हिंदुत्व से जोड़ रहा है तो वह मूर्ख है. अगर इस बिल से कोई संबंध है तो इसका साफ मकसद है कि भविष्य में कुछ उद्योगपतियों के लिए वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर कब्जा करना आसान हो जाए.’

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