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छुट्टी ही छुट्टी! अब हर हफ्ते 4 दिन काम और 3 दिन आराम…जानिए नए लेबर कोड में क्या है आपके फायदे की बात

New Labour Codes

प्रतीकात्मक तस्वीर

New Labour Codes: काम के बोझ तले दबे कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आ रही है. दुनिया के कई देशों की तर्ज़ पर भारत में भी जल्द ही सप्ताह में सिर्फ 4 दिन काम और लगातार 3 दिन की छुट्टियों (3-Day Weekend) का सिस्टम लागू हो सकता है. यह बदलाव अचानक नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के नए श्रम कानूनों के तहत संभव हुआ है.

एक तरफ जहां देश के मेट्रो शहर दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु अभी भी मुख्य रूप से 5-दिन के वर्क वीक को फॉलो करते हैं, वहीं कर्मचारियों की लंबे समय से मांग रही है कि उन्हें काम और निजी जीवन के बीच बेहतर संतुलन (Work-Life Balance) चाहिए. जापान और जर्मनी जैसे देशों में 4-दिन का वर्क वीक सफलतापूर्वक चल रहा है और अब भारत भी इस दिशा में कदम बढ़ा रहा है.

काम के घंटे 48 पर फिक्स, 12 घंटे की शिफ्ट की छूट

श्रम और रोज़गार मंत्रालय ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ‘मिथबस्टर’ पोस्ट के ज़रिए इस बड़ी संभावना पर मुहर लगा दी है. मंत्रालय ने साफ किया कि नए लेबर कोड के अनुसार, एक सप्ताह में काम करने के अधिकतम घंटों की सीमा 48 घंटे तय की गई है.

लेकिन, यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि 4 दिन में 48 घंटे कैसे पूरे होंगे? इसी का जवाब देते हुए मंत्रालय ने बताया कि संशोधित लेबर कोड कंपनियों को यह लचीलापन (Flexibility) देते हैं कि अगर वे चाहें तो कर्मचारियों से 12 घंटे की शिफ्ट करा सकती हैं. इसका सीधा मतलब है कि अगर आपकी कंपनी 12 घंटे की शिफ्ट चुनती है, तो आपको सप्ताह में केवल 4 दिन ही काम करना होगा. बाकी बचे 3 दिन आपकी सवेतन (Paid) छुट्टियां होंगी. यानी, आपकी सैलरी नहीं कटेगी.

12 घंटे की शिफ्ट में ब्रेक भी शामिल

कर्मचारियों को यह चिंता हो सकती है कि 12 घंटे लगातार काम करना मुश्किल होगा. इस पर मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि 12 घंटे की इस अवधि में कर्मचारियों के लिए ज़रूरी ब्रेक या स्प्रेड-ओवर भी शामिल होंगे. यह सुनिश्चित करता है कि काम के दौरान कर्मचारियों को आराम का पर्याप्त समय मिले.

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ओवरटाइम पर मिलेगी दोगुनी पेमेंट

नए कानून में कर्मचारियों के हित को प्राथमिकता दी गई है. अगर कोई कंपनी 48 घंटे की साप्ताहिक सीमा पार करती है या 12 घंटे से ज़्यादा काम कराती है तो नियमों का उल्लंघन माना जाएगा. श्रम मंत्रालय ने कहा है कि अगर कर्मचारी रोज़ाना तय घंटों से ज़्यादा काम करते हैं, तो कंपनी को ओवरटाइम के लिए दोगुनी दर से भुगतान करना होगा. यह नियम सुनिश्चित करता है कि कर्मचारियों का शोषण न हो.

क्या हैं सरकार के नए लेबर कोड?

केंद्र सरकार ने 21 नवंबर 2025 को 29 पुराने और जटिल श्रम कानूनों को खत्म करके उनकी जगह चार नए लेबर कोड लागू किए थे. ये कोड अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारियों के अधिकारों और कार्यस्थल की सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए लाए गए हैं. इसमें, वेतन संहिता (Wage Code 2019), औद्योगिक संबंध संहिता (Industrial Relations Code 2020), सामाजिक सुरक्षा संहिता (Social Security Code 2020) और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य शर्तें संहिता (Occupational Safety, Health and Working Conditions Code 2020) शामिल हैं.

फिलहाल, गेंद अब कंपनियों के पाले में है. यह देखना दिलचस्प होगा कि कितनी भारतीय कंपनियां इस 4-डे वर्क वीक फॉर्मूले को अपनाती हैं, जिससे कर्मचारियों का जीवन और भी आरामदायक हो सके.

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