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नया युग, नई ताकत… भारत के आसमान में जल्द उड़ेगा ‘सुपर-स्टील्थ’ फाइटर जेट, दुश्मनों को नहीं लगेगी भनक!

AMCA Stealth Fighter Jet

भारत बनाने जा रहा है पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट

AMCA Stealth Fighter Jet: कल्पना कीजिए… आसमान में एक ऐसी उड़न-तश्तरी, जो पलक झपकते ही दुश्मन के रडार से गायब हो जाए. कोई इसे पकड़ न पाए, कोई इसे देख न पाए और ये अपना काम करके चुपचाप लौट आए. साइंस फिक्शन फ़िल्मों की ये कहानी अब हकीकत बनने जा रही है, और वो भी भारत में. जी हां, रक्षा मंत्रालय ने हमारे अपने देसी ‘स्टील्थ फाइटर जेट’ के विकास को हरी झंडी दे दी है. इसका नाम है एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA). ये सिर्फ एक विमान नहीं, बल्कि भविष्य के युद्धक्षेत्र में भारत का गेम चेंजर हथियार साबित हो सकता है.

आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये ‘स्टील्थ’ क्या है? इसका मतलब है ‘छुपने की कला’. इन विमानों को दुश्मन के रडार, इंफ्रारेड सेंसर या यहां तक कि आंखों से भी पकड़ पाना लगभग नामुमकिन होता है. कैसे? इनकी बनावट, इन पर लगी खास कोटिंग और इनके एग्जॉस्ट सिस्टम, सब कुछ इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि ये किसी की भी पकड़ में न आएं. जब तक दुश्मन की निगरानी प्रणाली इन्हें पहचान पाएगी, तब तक तो ये अपना काम करके घर वापसी कर चुके होंगे.

भारत के पास नहीं है पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट

भारत के पास अभी कोई पूरी तरह से पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट नहीं है जो अमेरिका के F-22 या चीन के J-20 जैसा हो. AMCA इसी कमी को पूरा करने के लिए बनाया जा रहा है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि भारत इस तकनीक से बिल्कुल अनजान है. हमारे मौजूदा कुछ विमानों, जैसे कि राफेल (Rafale) में कुछ हद तक स्टील्थी डिज़ाइन एलिमेंट्स और एडवांस एविओनिक्स हैं जो उनके रडार क्रॉस-सेक्शन (RCS) को कम करते हैं. इसी तरह, स्वदेशी तेजस (LCA Tejas) में भी RAM का इस्तेमाल किया गया है और इसकी कॉम्पैक्ट डिज़ाइन भी रडार पर इसकी पकड़ को कुछ कम करती है. ये विमान पूरी तरह से ‘अदृश्य’ नहीं हैं, लेकिन इन्हें रडार पर पकड़ना थोड़ा मुश्किल ज़रूर होता है.

इसके अलावा, भारतीय नौसेना भी अपनी युद्धपोतों में स्टील्थ फीचर्स को लगातार बढ़ा रही है. हाल ही में शामिल किए गए कुछ युद्धपोत, जैसे INS तमाल (INS Tamal) और INS उदयगिरि (INS Udaygiri) में उन्नत स्टील्थ फीचर्स हैं जो दुश्मन के रडार से उनका पता लगाने की क्षमता को कम करते हैं.

लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि भारत सिर्फ ‘छुपने’ पर ही काम नहीं कर रहा, बल्कि ‘पकड़ने’ पर भी ज़ोर दे रहा है. भारत ने ‘सूर्य VHF रडार’ जैसे एंटी-स्टील्थ रडार सिस्टम विकसित किए हैं, जो स्टील्थ विमानों को भी पकड़ने में सक्षम हैं. IIT कानपुर ने ‘अनलाकया मेटाटेरियल सरफेस क्लोकिंग सिस्टम (MSCS)’ नाम की एक टैक्सटाइल-आधारित तकनीक भी विकसित की है, जो सैन्य संपत्तियों को रडार से लगभग अदृश्य बना सकती है. ये सब दिखाता है कि भारत स्टील्थ टेक्नोलॉजी और उसे काउंटर करने की दोनों दिशाओं में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है.

क्या है भारत की AMCA योजना?

इस ‘अदृश्य शक्ति’ को बनाने की जिम्मेदारी भारत सरकार की एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) को दी गई है, जिसमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भी पूरा साथ दे रहा है. ये दो इंजन वाला, मल्टीरोल फाइटर जेट होगा, जिसे खास तौर पर हमारी वायुसेना की ज़रूरतों के हिसाब से ढाला जाएगा. लक्ष्य है 2030 तक इसे आसमान में उड़ान भरते देखना.

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AMCA में क्या होगा खास?

AI आधारित कॉम्बैट सिस्टम: यानी ये सिर्फ एक मशीन नहीं, बल्कि एक दिमाग वाला फाइटर जेट होगा.

सुपरसोनिक क्रूज: ये तेज़ रफ़्तार से लंबे समय तक उड़ान भर सकेगा.

थ्रस्ट वेक्टरिंग: इसका मतलब है कि विमान किसी भी दिशा में आसानी से मुड़ सकेगा, जिससे इसकी फुर्ती और बढ़ जाएगी.

दुनिया में कौन-कौन हैं इस ‘स्टील्थ तकनीक’ के महारथी?

फिलहाल, इस स्टील्थ तकनीक में कुछ ही देश आगे हैं. अमेरिका के पास F-22 रैप्टर (जिसे दुनिया का सबसे शक्तिशाली स्टील्थ फाइटर माना जाता है) और F-35 लाइटनिंग II जैसे विमान हैं. वहीं रूस के पास सुखोई Su-57 है, जिसकी क्षमताएं अच्छी हैं, पर विशेषज्ञ इसे अमेरिकी विमानों से थोड़ा पीछे मानते हैं. चीन भी इस मामले में आगे है. चीन ने हाल ही में चेंगडू J-20 माइटी ड्रैगन जैसे स्टील्थ फाइटर प्लेन बनाए हैं. इसके इतर, जापान, फ्रांस, दक्षिण कोरिया और यूके जैसे देश भी अपनी अगली पीढ़ी के स्टील्थ प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं.

भारत को फायदे ही फायदे

अब तक हम ऐसे उन्नत विमान दूसरे देशों से खरीदते रहे हैं. AMCA की सफलता से हम खुद अपने लड़ाकू विमान बना सकेंगे. ये ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम होगा. ये स्टील्थ जेट दुश्मन देशों पर मनोवैज्ञानिक और सामरिक दबाव बनाएगा. ये किसी भी संभावित युद्ध को रोकने में एक महत्वपूर्ण हथियार साबित होगा.

इस प्रोजेक्ट से भारत को कंपोजिट मैटेरियल, इंजन टेक्नोलॉजी, रडार सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी एडवांस तकनीकों में भी महारत हासिल होगी. अगर हम इसे सफलतापूर्वक बनाते हैं, तो भविष्य में हम इन विमानों को दूसरे मित्र देशों को भी बेच सकेंगे. सोचिए, हमारा ‘मेड इन इंडिया’ फाइटर जेट दुनिया भर में अपनी धाक जमाएगा. इस प्रोजेक्ट में 100 से ज़्यादा भारतीय कंपनियां शामिल होंगी, जिससे हज़ारों इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और तकनीकी कर्मचारियों को रोज़गार मिलेगा.

चुनौतियां भी हैं, पर उम्मीदें भी!

हां, किसी भी बड़े प्रोजेक्ट की तरह इसमें भी चुनौतियां हैं. अक्सर रक्षा परियोजनाओं में देरी हो जाती है, जैसा कि वायुसेना प्रमुख भी चिंता जता चुके हैं. लेकिन, पिछले कई सालों से देश में एक स्थिर सरकार है, जिससे उम्मीद है कि AMCA तय समय पर पूरा हो पाएगा. कुल मिलाकर, AMCA प्रोजेक्ट सिर्फ एक विमान बनाने की बात नहीं है, ये भारत के आसमान में एक नई ताकत, एक नई पहचान और आत्मनिर्भरता की एक अदृश्य उड़ान है.

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