Rahul Gandhi Raebareli Visit: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के दो दिवसीय दौरे से पहले शहर में लगाए गए विवादास्पद पोस्टरों ने राजनीतिक हलचल मचा दी है. इन पोस्टरों में राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव को ‘कलयुग के ब्रह्मा, विष्णु, महेश’ के रूप में दर्शाया गया है. सपा के स्थानीय नेता राहुल निर्मल बागी द्वारा लगवाए गए इन पोस्टरों ने विपक्षी गठबंधन की एकता को प्रदर्शित करने की कोशिश की, लेकिन इसने सियासी विवाद को जन्म दे दिया है.
पोस्टरों का विवाद: क्या है मामला?
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में राहुल गांधी के दौरे से पहले सपा नेता राहुल निर्मल बागी ने शहर भर में अनोखे पोस्टर और होर्डिंग्स लगवाए हैं. इन पोस्टरों में लिखा गया- ‘इंडिया की अंतिम आश, कलयुग के ब्रह्मा, विष्णु, महेश,’ जिसमें तेजस्वी यादव को ब्रह्मा, राहुल गांधी को विष्णु और अखिलेश यादव को महेश (शिव) के रूप में दर्शाया गया है. ये पोस्टर सपा की लोहिया वाहिनी के प्रदेश सचिव राहुल निर्मल बागी द्वारा लगाए गए, जिनका दावा है कि ये नेता गरीबों और पीड़ितों की आवाज उठाने वाले ‘कलयुग के देवता’ हैं.
पोस्टर से मची सियासी हलचल
पोस्टर लगते ही रायबरेली की राजनीति में हंगामा मच गया है. BJP कार्यकर्ता ने इसे विपक्ष की ‘चाटुकारिता’ और धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताया. भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह की अगुवाई में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के काफिले को रोकने की कोशिश की, जिससे तनाव बढ़ गया. सोशल मीडिया पर भी इन पोस्टरों की आलोचना और समर्थन में बहस छिड़ गई. कुछ ने इसे विपक्षी एकता का प्रतीक माना, तो कुछ ने धार्मिक प्रतीकों के दुरुपयोग का आरोप लगाया.
राहुल गांधी का रायबरेली दौरा
राहुल गांधी 10 सितंबर को अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं. इस दौरान वे कई कार्यक्रमों में शामिल हुए, जिसमें हरचंदपुर में पार्टी के पूर्व पदाधिकारियों के साथ बैठक, प्रजापति समुदाय से मुलाकात, गोरा बाजार चौराहे पर अशोक स्तंभ का अनावरण और मनरेगा के तहत बने एक पार्क का निरीक्षण शामिल था. हालांकि, पोस्टर विवाद ने उनके दौरे को और चर्चा में ला दिया. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने राहुल के दौरे को ‘वोट चोरी’ के खिलाफ उनकी लड़ाई का हिस्सा बताते हुए समर्थन किया.
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विपक्षी एकता का संदेश
इन पोस्टरों को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की एकता को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव की तिकड़ी ने ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के जरिए भाजपा के खिलाफ एकजुटता दिखाई थी. रायबरेली के पोस्टरों को सपा ने इस एकता को और प्रचारित करने के लिए इस्तेमाल किया. हालांकि, धार्मिक प्रतीकों का उपयोग विवाद का कारण बन गया, जिससे विपक्ष के लिए यह एक दोधारी तलवार साबित हो सकता है.
