India GDP Growth: भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उसकी रफ्तार के आगे दुनिया की तमाम अर्थव्यवस्थाएं सुस्त हैं. वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.5% रही, जिसने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और वर्ल्ड बैंक के अनुमानों को धूल में मिला दिया. जहां IMF ने 6.2% और वर्ल्ड बैंक ने 6.3% ग्रोथ का अनुमान लगाया था, भारत ने उससे भी बेहतर प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया.
RBI का अनुमान बिल्कुल सटीक
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पहले ही कहा था कि भारत की ग्रोथ 6.5% रहेगी, और यह अनुमान बिल्कुल सही साबित हुआ. सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी-मार्च 2025 की तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.4% रही, जो पिछले साल की 8.4% से भले ही थोड़ी कम हो, लेकिन फिर भी दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से कहीं आगे है. पूरे साल की ग्रोथ 6.5% रही, जो भारत को लगातार चौथे साल दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाए रखने में कामयाब रही.
चीन और अमेरिका भी बेचैन
भारत की इस रफ्तार ने न सिर्फ पड़ोसी देश चीन को परेशान किया है, बल्कि अमेरिका और IMF जैसे बड़े खिलाड़ियों को भी सोच में डाल दिया है. जहां चीन की ग्रोथ मार्च तिमाही में सिर्फ 5.4% रही, वहीं भारत ने 7.4% की रफ्तार पकड़ी. यही नहीं, भारत का अर्थतंत्र अब 3.9 लाख करोड़ डॉलर का हो चुका है, जो पिछले साल के 3.6 लाख करोड़ डॉलर से कहीं ज्यादा है. चीन को डर है कि भारत की इस रफ्तार के चलते विदेशी निवेशक उसकी ओर रुख कर सकते हैं.
छोटे-बड़े उद्योग और किसानों का कमाल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस शानदार प्रदर्शन का श्रेय देश के छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों के साथ-साथ किसानों को दिया. उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने जबरदस्त प्रदर्शन किया, वहीं कृषि क्षेत्र ने भी कोविड के बाद अपनी रफ्तार बनाए रखी. ग्रामीण इलाकों में बढ़ती खपत और मजबूत फसल उत्पादन ने भी इस ग्रोथ में बड़ा योगदान दिया.
RBI का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-26 में भी भारत की ग्रोथ 6.5% के आसपास रहेगी. पहली तिमाही में 6.5%, दूसरी में 6.7%, तीसरी में 6.6% और चौथी में 6.3% ग्रोथ का अनुमान है. कृषि क्षेत्र मजबूत बना हुआ है और मैन्युफैक्चरिंग व सर्विस सेक्टर में भी सुधार के संकेत दिख रहे हैं. वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और अमेरिकी टैरिफ के डर के बावजूद भारत अपनी रफ्तार बनाए रखने को तैयार है.
जब भारत अपनी ग्रोथ से दुनिया को हैरान कर रहा है, तब IMF और वर्ल्ड बैंक पाकिस्तान को अरबों डॉलर का कर्ज देने की तैयारी में हैं, लेकिन भारत की इस उपलब्धि ने साफ कर दिया है कि उसकी अर्थव्यवस्था न सिर्फ आत्मनिर्भर है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी उसका डंका बज रहा है.
