India Mexico Trade Relations: अमेरिका की राह पर पड़ोसी देश मेक्सिको भी चल रहा है. हाल ही में मेक्सिको सरकार ने भी भारत ,चीन समेत कई एशियाई देशों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है. मेक्सिको के नए टैरिफ को लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है. भारत का कहना है कि बिना किसी से विचार-विमर्श किए मेक्सिको की ओर से लिया गया फैसला आर्थिक संबंधों और वैश्विक व्यापार नियमों के खिलाफ है. बिना चर्चा के टैरिफ बढ़ाना कोई सही तरीका नहीं है.
मेक्सिको ने जो नया टैरिफ भारत पर लगाने की घोषणा की है, वह 1 जनवरी 2026 से लागू होने वाला है. भारत के कड़ी आपत्ति जताने पर मेक्सिको ने इस फैसले को राष्ट्रीय उद्योग और उत्पादकों की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया है. हालांकि चीन ने भी टैरिफ को लेकर विरोध जताया है. इसके साथ ही मेक्सिको से एकतरफावाद और संरक्षणवाद पर सुधार करने की अपील की है.
भारत ने जताई नाराजगी
मेक्सिको के इस फैसले पर भारत ने सख्त नाराजगी जताई है. मामले को लेकर वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने मेक्सिको के उप-आर्थिक मंत्री लुइस रोसेन्डो से बातचीत भी की है. आने वाले कुछ दिनों के अंदर ही दोनों देशों के बीच टैरिफ को लेकर बैठक होने की संभावना है. भारत ने स्पष्ट किया है कि वह निर्यातकों के हितों की रक्षा करेगा और इसके लिए सभी जरूरी कार्रवाई करेगा. बातचीत के माध्यम से बीच का रास्ता निकाला जाएगा, ताकि दोनों देशों के बीच संतुलित व्यापार सुनिश्चित किया जा सके.
इन उत्पादों पर लगाया टैरिफ
मैक्सिकन दैनिक एल यूनिवर्सल के अनुसार, मेक्सिको ने कई उत्पादों पर टैरिफ लगाया है, जिसमें ऑटो पार्ट्स, कपड़े, प्लास्टिक, हल्की कारें, स्टील, घरेलू उपकरण, फर्नीचर, जूते, चमड़े के सामान, खिलौने, कपड़ा, कागज, कार्डबोर्ड, ट्रेलर, कांच, साबुन, मोटरसाइकिल, एल्यूमीनियम, इत्र और सौंदर्य प्रसाधन जैसे उत्पाद शामिल हैं. यानी कहा जा सकता है कि रोजमर्रा की जरूरतों में उपयोग होने वाले लगभग सभी उत्पादों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया है.
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इन देशों पर सबसे ज्यादा असर
मेक्सिको इस टैरिफ का सबसे ज्यादा प्रभाव भारत के अलावा चीन, थाईलैंड, दक्षिण कोरिया और इंडोनेशिया जैसे देशों पर पड़ेगा. क्योंकि इनका मेक्सिको के साथ व्यापार समझौता नहीं है. हालांकि मेक्सिको की सरकार चीन से आयात पर अपनी निर्भरता भी कम करने की कोशिश कर रही है.
