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ज्योति मल्होत्रा से भी दो कदम आगे निकली नागपुर की सुनीता, ऐसे LoC लांघकर पहुंच गई पाकिस्तान, दोस्ती या जासूसी का खेल?

India Pakistan

नागपुर की सुनीता

India Pakistan: एक साधारण सी दिखने वाली 43 साल की महिला सुनीता भोलेश्वर जामगाडे ने ऐसा कारनामा कर दिखाया कि भारत की खुफिया एजेंसियां हैरान हैं. नागपुर की रहने वाली सुनीता ने 14 मई 2025 को करगिल के रास्ते अवैध रूप से लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) पार कर पाकिस्तान पहुंच गई. यह वही समय था जब सीमा पर तनाव चरम पर था. लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती. पाकिस्तान रेंजर्स ने 10 दिन बाद उसे अटारी बॉर्डर पर बीएसएफ को सौंप दिया. अब सवाल यह है कि क्या सुनीता वाकई सिर्फ दोस्त से मिलने गई थी, या इसके पीछे कोई बड़ा जासूसी खेल है?

ऑनलाइन दोस्ती या जासूसी का जाल?

सुनीता ने पूछताछ में बताया कि वह एक दोस्त से मिलने गई थी. कथित तौर पर सुनीता का दोस्त पाकिस्तान में एक पादरी है. लेकिन उसका यह दावा संदेह के घेरे में है. पुलिस को शक है कि सुनीता कुछ छिपा रही है. उसके फोन में मिले मैसेज बताते हैं कि उसका पाकिस्तानी कनेक्शन सिर्फ दोस्ती तक सीमित नहीं था. क्या यह हनीट्रैप का हिस्सा था? जांच एजेंसियां इसकी तह तक जाने में जुटी हैं.

सुनीता का दुस्साहस

सुनीता का तलाक हो चुका है और वह अपने मायके में मां और भाई के साथ रहती है. नर्स की नौकरी छोड़ने के बाद वह कपड़े बेचने का काम करती थी. उसने अपने 12 साल के बेटे को साथ लिया और अचानक पंजाब के रास्ते करगिल पहुंच गई. वहां, करगिल के हुंडरमान गांव में अपने बेटे को एक लॉज में छोड़कर, सुनीता ने खतरनाक पहाड़ी रास्तों से LOC पार कर लिया. बेटे से कहा, “मेरे लौटने तक इंतजार करो.” लेकिन यह सवाल सबके मन में है कि आखिर सुनीता ने इतना जोखिम क्यों उठाया?

700 किलोमीटर का सफर

पाकिस्तान में सुनीता 700 किलोमीटर अंदर तक पहुंच गई थी. वहां उसे 9 दिन तक हिरासत में रखा गया. अटारी बॉर्डर पर उसे भारत को सौंपने से पहले पाकिस्तानी एजेंसियों ने उससे पूछताछ की. सुनीता ने बताया कि वह दो लोगों से मिलने गई थी, जिनमें से एक का नाम जुल्फिकार है. लेकिन दूसरे शख्स की पहचान अब तक नहीं हो पाई. हैरानी की बात यह है कि सुनीता पहले भी दो बार अटारी के रास्ते पाकिस्तान जाने की कोशिश कर चुकी थी, लेकिन बीएसएफ ने उसे रोक लिया था.

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फोन में छिपे राज

नागपुर पुलिस और खुफिया एजेंसियां सुनीता के इरादों की जांच कर रही हैं. उसके फोन में कुछ ऐसे मैसेज मिले हैं, जो संकेत देते हैं कि उसका मकसद सिर्फ दोस्ती नहीं था. क्या सुनीता ने भारत की सुरक्षा से जुड़ी कोई जानकारी लीक की? क्या वह अनजाने में पाकिस्तानी जासूसी नेटवर्क का हिस्सा बन गई? पुलिस अब उसके बैकग्राउंड, सोशल मीडिया और कॉन्टैक्ट्स की बारीकी से जांच कर रही है.

जब सुनीता अपने बेटे को करगिल के लॉज में छोड़कर गई, तो स्थानीय लोगों ने बच्चे को परेशान देखकर पुलिस को खबर दी. इसके बाद सुनीता का पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया. लद्दाख प्रशासन ने अब उसके बेटे को नागपुर वापस भेजने की इजाजत दे दी है. लेकिन सुनीता के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत जीरो FIR दर्ज हो चुकी है, और उसकी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं.

सुनीता की कहानी में कई सवाल अनसुलझे हैं. क्या वह प्यार या दोस्ती के चक्कर में LOC पार करने की गलती कर बैठी, या फिर इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र है? सुरक्षा एजेंसियां इस मामले को गंभीरता से ले रही हैं, और जल्द ही सच सामने आने की उम्मीद है.

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