India-Russia Summit: भारत और रूस ने अपनी दशकों पुरानी ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ (Special and Privileged Strategic Partnership) को एक नई ऊंचाई दी है. गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 23वें भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में कई अहम क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी. दोनों नेताओं की विस्तृत बातचीत के बाद भारत और रूस ने प्रवासन, आसान आवाजाही, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, और बंदरगाह व पोत परिवहन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
शिखर सम्मेलन के बाद एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भारत-रूस के मजबूत रिश्ते की नींव को विस्तार से समझाया और उन पांच बड़ी बातों पर ज़ोर दिया जो इस साझेदारी का भविष्य तय करेंगी.
न्यूक्लियर ऊर्जा और क्रिटिकल मिनरल्स में सहयोग
पीएम मोदी ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा दोनों देशों के संबंधों का सबसे मजबूत आधार है. उन्होंने सिविल न्यूक्लियर ऊर्जा में चल रहे दशकों पुराने सहयोग की सराहना की. इसके साथ ही, क्रिटिकल मिनरल्स में सहयोग पर जोर दिया गया. पीएम मोदी ने कहा कि यह साझेदारी वैश्विक सप्लाई चेन को सुरक्षित और विविध बनाने में मदद करेगी, जिससे स्वच्छ ऊर्जा, हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग और नई तकनीकी उद्योगों में भारत और रूस एक-दूसरे को मजबूती देंगे.
‘मेक इन इंडिया’ को मिलेगा बूस्ट
प्रधानमंत्री ने कहा कि जहाज निर्माण में रूस के साथ गहरा सहयोग ‘मेक इन इंडिया’ पहल को सशक्त बनाएगा. यह साझेदारी न सिर्फ़ रोजगार और कौशल को बढ़ाएगी, बल्कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण है.
आर्थिक साझेदारी का ‘विज़न 2030’
आर्थिक सहयोग को नई दिशा देने के लिए दोनों देशों ने ‘विज़न 2030’ दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए. पीएम मोदी ने बताया कि दोनों नेता जल्द ही इंडिया-रूस बिज़नेस फोरम में हिस्सा लेंगे, जो व्यापारिक संबंधों को नई दिशा देगा और सह-उत्पादन (Co-Production) तथा सह-नवाचार (Co-Innovation) के अवसरों का विस्तार करेगा. इसके अलावा, यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को जल्द से जल्द साकार करने के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं.
यह भी पढ़ें: ‘साप्ताहिक आराम’ बना था IndiGo के लिए विलेन! सरकार ने किया इंटरफेयर, DGCA ने क्रू रोस्टर का विवादित ऑर्डर लिया वापस
आठ दशकों की दोस्ती
पीएम मोदी ने भारत-रूस की मित्रता को एक सुंदर उपमा देते हुए कहा कि दुनिया ने पिछले आठ दशकों में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन भारत-रूस की दोस्ती ‘ध्रुव तारे’ की तरह स्थिर और मार्गदर्शक रही है. यह रिश्ता पारस्परिक सम्मान और अटूट भरोसे पर बना है और आज की बातचीत ने इसे और मजबूत करने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया.
पुतिन का नेतृत्व और रणनीतिक साझेदारी का इतिहास
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए याद दिलाया कि ठीक 25 वर्ष पहले पुतिन ने ही इस रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी थी. उन्होंने कहा कि 2010 में इसे ‘स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ का दर्जा दिया गया. पीएम मोदी ने पुतिन को ‘प्रिय मित्र’ कहते हुए उनके भारत के प्रति अटूट समर्पण के लिए आभार व्यक्त किया.
कुल मिलाकर, इस शिखर सम्मेलन ने द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक मजबूत एजेंडा तैयार किया है, जो आने वाले वर्षों में व्यापार, तकनीक और रणनीतिक सहयोग को गति देगा.
