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भारत का पाकिस्तान को करारा जवाब; डाक-पार्सल सेवा पर लगी रोक, अब न चिट्ठी, न कूरियर

India Pakistan Tension

भारत का पाकिस्तान पर एक और प्रहार

India Pakistan Tension: भारत ने पाकिस्तान के साथ डाक और पार्सल की सारी सेवाएं बंद कर दी हैं. जी हां, अब न तो कोई चिट्ठी-पत्री जाएगी, न ही कोई पार्सल या कूरियर. हवाई जहाज हो या सड़क का रास्ता, हर तरह की डाक सेवा पर ताला लग गया है. यह बड़ा फैसला भारत के संचार मंत्रालय ने लिया है और इसके पीछे की वजह है देश की सुरक्षा को और पुख्ता करना.

क्या हुआ, क्यों हुआ?

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई. भारत ने इस हमले का ठीकरा पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों पर फोड़ा है. भारत सरकार ने गुस्से में आकर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने का मन बना लिया है. इसी कड़ी में डाक और पार्सल सेवाएं बंद करने का ऐलान कर दिया गया. मकसद साफ है, सीमा पार से कोई गड़बड़ सामान या संदिग्ध चीज़ भारत न आए.

क्या-क्या रुकेगा?

चिट्ठियां: चाहे प्यार भरा खत हो या कोई जरूरी दस्तावेज, अब कुछ भी नहीं जाएगा.
पार्सल: ऑनलाइन ऑर्डर, गिफ्ट या व्यापार का सामान, सब पर ब्रेक.
कूरियर: प्राइवेट कूरियर कंपनियां भी अब पाकिस्तान के लिए कुछ नहीं भेजेंगी.

किस पर पड़ेगा असर?

इस फैसले से पाकिस्तान में छोटे व्यापारियों की नींद उड़ गई है, जो भारत से सामान मंगवाते थे. वहां का ई-कॉमर्स बिजनेस भी चरमरा सकता है. भारत में भी कुछ लोग, जो रिश्तेदारों को पार्सल या चिट्ठियां भेजते थे, थोड़ा परेशान होंगे. लेकिन सरकार का कहना है, “सुरक्षा पहले, बाकी बाद में.”

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लोग क्या कह रहे हैं?

सुरक्षा एक्सपर्ट्स इस कदम को गेम-चेंजर बता रहे हैं. रक्षा विश्लेषकों का कहना है, “डाक के जरिए कई बार खतरनाक सामान की तस्करी होती है. इस रोक से ऐसी हरकतों पर लगाम लगेगी.” वहीं, कुछ व्यापारी थोड़ा नाराज़ हैं, क्योंकि उनका बिजनेस अटक सकता है. लेकिन ज्यादातर लोग कह रहे हैं, “देश की सुरक्षा के लिए ये छोटा-सा बलिदान ठीक है.”

संचार मंत्रालय ने सभी डाकघरों और कूरियर कंपनियों को सख्त हिदायत दी है कि इस नियम का पालन करें. साथ ही, जनता से अपील की है कि वो इस फैसले का साथ दें. भारत ने पाकिस्तान को साफ संदेश दे दिया है कि आतंकवाद बर्दाश्त नहीं होगा. भले ही चिट्ठी-पार्सल रुक जाएं, लेकिन देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं. इससे पहले भी भारत सरकार ने पाकिस्तान से सिंधु जल समझौता और आयात निर्यात पर रोक लगा दी थी. पीएम मोदी ने पिछले दिनों कहा था कि पाकिस्तान को पहलगाम का हिसाब देना होगा.

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