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भारत के इस रेलवे स्टेशन से चंद कदम दूर है विदेश, पान चबाते-चबाते बॉर्डर पार कर सकते हैं आप!

Unique Railway Station

जोगबनी स्टेशन

Unique Railway Station: क्या आपने कभी सोचा है कि एक रेलवे स्टेशन ऐसा भी हो सकता है, जहां से चंद कदम चलकर आप देश की सीमा पार कर विदेश पहुंच जाएं? जी हां, भारत में एक ऐसा रेलवे स्टेशन है, जहां से नेपाल की सीमा बस दो किलोमीटर दूर है. यहां से आप बिना पासपोर्ट के भी परदेस जा सकते हैं.

बिहार के अररिया जिले में जोगबनी रेलवे स्टेशन बसा है. यह स्टेशन नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे (NFR) जोन का हिस्सा है और दिल्ली से सीधी ट्रेनों के जरिए यहां पहुंचा जा सकता है. स्टेशन से निकलते ही, अगर आप टहलते हुए दो किलोमीटर चले, तो आप नेपाल में होंगे. हां, बिना वीजा और पासपोर्ट के. सोचिए, सुबह भारत में चाय पी और दोपहर में नेपाल में मोमोज का मजा ले लिया. जोगबनी स्टेशन की खासियत यह है कि यह भारत-नेपाल सीमा के इतना करीब है कि आपको पता ही नहीं चलेगा कब आपने सीमा पार कर ली.

पाकिस्तान की सीमा से बस तीन कदम दूर अटारी

जोगबनी के अलावा, पंजाब का अटारी रेलवे स्टेशन भी एक समय में ऐसा ही रोमांचकारी ठिकाना था. यह स्टेशन पाकिस्तान की वाघा सीमा से मात्र 3 किलोमीटर दूर है. पहले यहां से समझौता एक्सप्रेस चलती थी, जो पुरानी दिल्ली से वाघा बॉर्डर तक जाती थी. लेकिन, बाद में इस ट्रेन को बंद कर दिया गया. फिर भी, अटारी आज भी अपने खेतों और सीमा के करीब होने की वजह से खास है. यहां के किसान पैदल ही अपने खेतों तक जाते हैं, जो सीमा पर बनी फेंसिंग के पास हैं. लेकिन, खेतों में जाने का समय तय है, वरना सीमा की सैर थोड़ी मुश्किल हो सकती है.

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भारत का रेल नेटवर्क

भारत में 13,000 से ज्यादा रेलवे स्टेशन और 70,000 किलोमीटर से लंबा रेल नेटवर्क है. यह दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि हमारे पड़ोसी देश भूटान सहित कई देशों में एक भी रेलवे लाइन नहीं है? जी हां, भूटान, साइप्रस, कुवैत, आइसलैंड और माल्टा जैसे देशों में रेलवे नेटवर्क का नामोनिशान नहीं है.

क्यों खास हैं ये स्टेशन?

जोगबनी और अटारी जैसे स्टेशन सिर्फ रेलवे स्टेशन नहीं, बल्कि रोमांच और इतिहास का मेल हैं. जोगबनी आपको नेपाल की खूबसूरत वादियों तक ले जाता है, जहां आप बिना किसी झंझट के घूम सकते हैं. वहीं, अटारी को वाघा बॉर्डर की परेड खास बनाती है. इन स्टेशनों की कहानी बताती है कि भारत का रेलवे नेटवर्क सिर्फ सफर का साधन नहीं, बल्कि देश की सीमाओं को जोड़ने का एक अनोखा जरिया भी है.

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