India Pakistan War: भारत और पाकिस्तान का रिश्ता शुरू से ही तल्ख रहा है. हर बार जब पाकिस्तान ने शरारत की और भारत ने अपनी सैन्य ताकत से मुंहतोड़ जवाब दिया. अब तक 11 बड़े सैन्य ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान को नाक रगड़ने पर मजबूर किया है. एक बार तो भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे. वहीं, अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने तो पूरी दुनिया में भारत की धाक जमा दी है. आइए, इन 11 ऑपरेशनों की पूरी कहानी विस्तार से जानते हैं.
ऑपरेशन रिडल (1965)- लाहौर में भारत का दबदबा
पाकिस्तान ने सोचा कि वह जम्मू-कश्मीर में चुपके से घुसपैठ कर लेगा. उसने ‘ऑपरेशन जिब्राल्टर’ और ‘ग्रैंड स्लैम’ शुरू किए. लेकिन भारत ने 6 सितंबर 1965 को तुरंत जवाब दिया. भारतीय सेना ने लाहौर और कसूर पर धावा बोल दिया. टैंक और जांबाज सैनिकों ने पाकिस्तानी फौज के छक्के छुड़ा दिए. पाकिस्तान की सारी प्लानिंग धरी की धरी रह गई, और उसकी सेना को भारी नुकसान हुआ. ये था भारत का पहला बड़ा सैन्य ऑपरेशन, जिसने दुनिया को हमारी ताकत दिखाई.
ऑपरेशन एब्लेज (1965)
उसी साल भारत ने ‘ऑपरेशन एब्लेज’ के तहत पश्चिमी सीमा पर अपनी सेना को मजबूत किया. ये एक तरह की सैन्य तैयारी थी, जिसमें सीधा युद्ध तो नहीं हुआ, लेकिन पाकिस्तान को साफ संदेश मिला कि भारत किसी भी हाल में तैयार है. इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान पर दबाव बनाया और उसे बैकफुट पर ला दिया. नतीजा? सोवियत संघ की मध्यस्थता से ताशकंद समझौता हुआ, और पाकिस्तान को शांति के लिए मजबूर होना पड़ा.
ऑपरेशन कैक्टस लिली (1971)- ढाका तक भारत का जलवा
1971 में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान भारत ने ‘ऑपरेशन कैक्टस लिली’ शुरू किया. भारतीय सेना और वायुसेना ने मिलकर मेघना नदी पार की और पाकिस्तानी ठिकानों को पीछे छोड़ते हुए ढाका की ओर बढ़ गए. भारतीय सैनिकों की रणनीति और हिम्मत के आगे पाकिस्तानी फौज बेबस हो गई. इस ऑपरेशन ने न सिर्फ बांग्लादेश की आजादी की राह खोली, बल्कि भारत की सैन्य ताकत का लोहा मनवाया.
ऑपरेशन ट्राइडेंट (1971)- कराची में भारतीय नौसेना का तांडव
भारतीय नौसेना ने 4-5 दिसंबर, 1971 को कराची बंदरगाह पर हमला बोल दिया. ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ में भारतीय युद्धपोतों ने पाकिस्तानी जहाजों और तेल डिपो को तबाह कर दिया. पाकिस्तान की नौसेना को इतना बड़ा झटका लगा कि वह उबर ही नहीं पाई. इस हमले ने भारत की समुद्री ताकत को दुनिया के सामने लाया.
ऑपरेशन पाइथन (1971)
ट्राइडेंट की सफलता के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन पाइथन’ में फिर कराची पर हमला किया. इस बार भारतीय नौसेना ने पहली बार एंटी-शिप मिसाइलों का इस्तेमाल किया. पाकिस्तान के नौसैनिक ढांचे को भारी नुकसान हुआ. इन तीन ऑपरेशनों (कैक्टस लिली, ट्राइडेंट, पाइथन) ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया, और बांग्लादेश एक नया देश बनकर उभरा.
ऑपरेशन मेघदूत (1984): सियाचिन पर भारत का कब्जा!
पाकिस्तान सियाचिन में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रहा था. लेकिन अप्रैल 1984 में भारत ने ‘ऑपरेशन मेघदूत’ शुरू किया. भारतीय वायुसेना ने सैनिकों को दुनिया की सबसे ऊंची युद्धभूमि पर पहुंचाया. हमारे जांबाजों ने अहम चोटियों पर तिरंगा फहराया और पाकिस्तान को खदेड़ दिया. आज भी सियाचिन में भारत का दबदबा है.
ऑपरेशन विजय (1999)
मई 1999 में पाकिस्तानी घुसपैठियों ने करगिल की चोटियों पर चोरी-छिपे कब्जा कर लिया. लेकिन भारत ने ‘ऑपरेशन विजय’ शुरू कर इन इलाकों को वापस छीन लिया. भारतीय सेना के जांबाजों ने दुर्गम पहाड़ों में दुश्मन को हराया.
ऑपरेशन सफेद सागर (1999)
करगिल युद्ध के दौरान ही भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ चलाया. वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने करगिल की पहाड़ियों में पाकिस्तानी चौकियों और ठिकानों पर बम बरसाए. 1971 के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर हवाई हमले हुए. ऑपरेशन विजय और सफेद सागर ने मिलकर पाकिस्तानी फौज को पीछे हटने पर मजबूर किया.
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सर्जिकल स्ट्राइक (2016)
2016 में उरी हमले के बाद भारत ने सब्र तोड़ दिया. ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ में भारतीय स्पेशल फोर्सेज ने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (PoJK) में आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. भारत ने खुलकर इस कार्रवाई की घोषणा की, और दुनिया को बता दिया कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति अब ‘जीरो टॉलरेंस’ की है.
ऑपरेशन बंदर (2019)
पुलवामा हमले के बाद भारत ने 26 फरवरी, 2019 को ‘ऑपरेशन बंदर’ को अंजाम दिया. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों पर बम बरसाए. 1971 के बाद पहली बार नियंत्रण रेखा (LoC) के पार वायुसेना का इस्तेमाल हुआ. इस ऑपरेशन ने ‘नए भारत’ की ताकत और आतंकवाद के खिलाफ उसकी सख्ती को दुनिया के सामने रखा.
ऑपरेशन सिंदूर (2025)
6-7 अप्रैल 2025 की रात भारत ने पाकिस्तान और PoJK में 9 आतंकी कैंपों को निशाना बनाया. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत ने बिना LoC या अंतरराष्ट्रीय सीमा पार किए मिसाइलों, ड्रोन्स और बमों से हमला किया. बहावलपुर तक, यानी सीमा से 100 किमी दूर, आतंकी ढांचे तबाह हो गए. जैश-ए-मोहम्मद का सरगना अजहर मसूद भी मान रहा है कि उसके 14 लोग मारे गए. पहली बार पाकिस्तान ने खुलकर भारत की इस कार्रवाई को स्वीकार किया है.
इन 11 ऑपरेशनों ने बार-बार साबित किया कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करता. चाहे सियाचिन की बर्फीली चोटियां हों, करगिल के पहाड़ हों, या बालाकोट के आतंकी ठिकाने. भारत ने हर बार पाकिस्तान को सबक सिखाया. ऑपरेशन सिंदूर ने तो इतिहास रच दिया. भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ उसकी सख्त नीति का लोहा अब पूरी दुनिया मान रही है.
