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‘समुद्र का सेनापति’ INS विक्रांत, भारत की स्वदेशी पहल ने मचा दी पाकिस्तान में तबाही

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INS विक्रांत

INS Vikrant: पाकिस्तान के खिलाफ भारत की एयर स्ट्राइक के बाद अब नौसेना ने भी अटैक कर दिया है. ‘समुद्र का सेनापति’ भारत के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत ने पाकिस्तान के कराची और ओरमारा बंदरगाह पर तबाही मचा दी है. इस तबाही से पाकिस्तान को बड़ी चोट पहुंची है. जानिए ‘समुद्र का सेनापति’ INS विक्रांत कितना ताकतर है…

भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर

INS विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है, जिसे नौसेना के लिए कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है. यह देश का अब तक का सबसे बड़ा युद्धपोत है. INS विक्रांत का नाम भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत (1961-1997) के नाम पर रखा गया है. इस एयरक्राफ्ट कैरियर ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

क्या है विक्रांत शब्द का अर्थ?

‘विक्रांत’ शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ ‘साहसी’ है. वहीं, इसका आदर्श वाक्य है “जयेम सं युधिस्पृधः” (संस्कृत), जिसका अर्थ है ‘मैं उन लोगों को हराता हूं, जो मुझसे युद्ध करने की हिम्मत करते हैं.’

जानें INS विक्रांत का इतिहास

INS विक्रांत के डिजाइन पर 1999 में काम शुरू हुआ था. तब तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने प्रोजेक्ट 71 एयर डिफेंस शिप (ADS) के तहत इसके विकास और निर्माण को मंजूरी दी थी. इसका औपचारिक सरकारी अनुमोदन जनवरी 2003 में मिला.

INS विक्रांत की क्षमता और ताकत

23,000 करोड़ की लागत से निर्माण

विभिन्न सोर्स के मुताबिक INS विक्रांत का निर्माण लगभग 23,000 करोड़ रुपए की लागत से हुआ, जो समय के साथ बजटीय और समयगत बाधाओं के कारण बढ़ी. 28 जुलाई 2022 को इसे भारतीय नौसेना को सौंपा गया और 2 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोचीन शिपयार्ड में औपचारिक रूप से कमीशन किया.

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16 बेड का अस्पताल

INS विक्रांत में 16 बेड का अस्पताल है, जिसमें पांच चिकित्सा अधिकारी और 25 सहायक कार्यरत हैं. सुविधाओं में मेडिकल/जनरल वार्ड, आइसोलेशन वार्ड, महिला वार्ड, कैजुअल्टी, ICU और CT स्कैन शामिल हैं. इसमें 1700 कर्मियों की क्षमता है, जिसमें महिला अधिकारियों के लिए विशेष केबिन शामिल हैं.

‘फ्लोटिंग सिटी’

INS विक्रांत में 18 मंजिल, 14 डेक और 2300 डिब्बे हैं, जिस कारण इसे ‘फ्लोटिंग सिटी’ कहा जाता है. साथ ही इसमें तीन पैंट्री हैं, जो एक साथ 600 कर्मियों के लिए भोजन तैयार कर सकती हैं. जहाज की रसोई (गैली) में प्रतिदिन 10,000 रोटियां बनाई जा सकती हैं.

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