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जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में कुदरत का कहर, बादल फटने से अब तक 38 शव बरामद, 100 से ज्यादा घायल

Kishtwar Cloudburst

किश्तवाड़ में फटा बादल

Kishtwar Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोती इलाके में आज प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया. दरअसल, यहां बादल फटने से 38 लोगों की जान चली गई है. इस त्रासदी के बाद प्रशासन, सेना और राहत टीमें पूरी ताकत से जुट गई हैं. हर प्रभावित व्यक्ति तक मदद पहुंचाने की कोशिश लगातार जारी है.

चशोती में क्या हुआ ?

गुरुवार की सुबह चशोती में जब लोग अपने रोजमर्रा के कामों में व्यस्त थे, अचानक आसमान से आफत बरस पड़ी. घर, सड़कें और खेत पानी के तेज बहाव में बह गए. स्थानीय लोगों के अनुसार, बादल फटने के कुछ ही मिनटों में इलाका जलमग्न हो गया, और कई लोग इस आपदा की चपेट में आ गए.

कितना बड़ा है नुकसान?

हादसे के बाद अब तक 38 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं और 100 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. वहीं स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा का कहना है कि नुकसान इससे कहीं ज्यादा हो सकता है. उन्होंने कहा, “हमारे पास अभी पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन हालात गंभीर हैं. चशोती में मचैल माता यात्रा के कारण भीड़ थी, जिससे नुकसान की आशंका और बढ़ गई है.”

वहीं फारुख अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने की घटना पर कहा, “यह बहुत दुखद खबर है. बादल फटने की घटनाएं पहाड़ी इलाकों में आम हो गई हैं. उत्तराखंड में भी ऐसी घटना हुई जहां बहुत नुकसान हुआ, पिछले साल रामबन में भी ऐसा हुआ और अब मचैल माता यात्रा जहां होती है उस मंदिर के सामने ऐसा हुआ है. लाखों लोग इस यात्रा में शामिल होते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर वहां जाकर घायलों को निकाल सकें. इस समय सभी लोग रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं. उम्मीद करते हैं कि मृतकों की संख्या कम हो.”

जैसे ही बादल फटने की खबर फैली, किश्तवाड़ का प्रशासन हरकत में आ गया. उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि बचाव टीमें तुरंत चशोती के लिए रवाना हो गईं. सेना, पुलिस, NDRF और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें मिलकर लोगों को सुरक्षित निकालने और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटी हैं.

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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी इस घटना पर नजर रखी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मेरा कार्यालय हर पल की खबर ले रहा है. प्रभावितों को हर संभव मदद दी जाएगी.” जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने भी इस त्रासदी पर दुख जताया. उन्होंने ट्वीट किया, “शोक संतप्त परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं. मैंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राहत कार्यों को तेज करें और हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचाएं.”

मौसम विभाग की चेतावनी

श्रीनगर मौसम केंद्र ने पहले ही चेतावनी दी थी कि जम्मू-कश्मीर में अगले कुछ घंटों में भारी बारिश और तूफान का खतरा है. किश्तवाड़, डोडा, उधमपुर और श्रीनगर जैसे इलाकों में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन की आशंका जताई गई थी. लोगों को सलाह दी गई कि वे पहाड़ी इलाकों, इमारतों और पुराने पेड़ों से दूर रहें. साथ ही, डल झील और वुलर झील में नौकायन और शिकारा सवारी पर रोक लगा दी गई है.

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