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‘ना जासूसी संभव है और ना ही…’, संचार साथी ऐप को लेकर विवाद पर संसद में बोले ज्योतिरादित्य सिंधिया

Jyotiraditya Scindia statement on Sanchar Sathi Pegasus comparison controversy clarification

केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (फाइल फोटो)

Jyotiraditya Scindia News: संचार साथी ऐप को लेकर उठे विवाद के बाद केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संसद में इसके फायदे गिनाए हैं. उन्होंने कहा कि आज भारत में लगभग 1 अरब उपभोक्ता हैं, जो मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं. अगर आपको यह ऐप पसंद नहीं है तो आप इसे डिलीट भी कर सकते हैं. इसमें दोनों विकल्प मौजूद रहेंगे.

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संचार साथी ऐप पर कहा, “…टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर एक बहुत बड़ा माध्यम है जो लोगों को दुनिया से जोड़ता है, और आज भारत में लगभग एक अरब यूज़र हैं। इसके कई अच्छे इस्तेमाल हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो इसका गलत इस्तेमाल करते हैं…हमने यह पक्का किया है कि हर नागरिक के पास एक विकल्प हो; सिर्फ इसलिए कि कोई ऐप फ़ोन पर है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह अपने आप काम करेगा। यह यूज़र रजिस्ट्रेशन के बाद ही काम करता है, और यूज़र चाहें तो इसे डिलीट कर सकते हैं…” उन्होंने कहा कि संचार साथी सुरक्षा ऐप के जरिए जासूसी न तो संभव है और न ही होगी. यह ऐप लोगों की सुरक्षा के लिए है.

अफवाहों पर ध्यान न दें: ज्योतिरादित्य सिंधिया

सिंधिया ने कहा, “सार्वजनिक रूप से फैली अफवाहों पर ध्यान न दें. 7B में यह भी नहीं कहा गया है कि आप ऐप को अनइंस्टॉल नहीं कर सकते. समस्या यह है कि अगर आप विस्तार में नहीं जाते हैं तो बहुत सी वास्तविकताएं छूट जाती हैं. 7B सिर्फ इतना कहता है कि फोन में ऐप्स इंस्टॉल होने चाहिए और यूज़र को उन्हें एक्सेस करने में कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए, और उन्हें इस तरह डिसेबल नहीं किया जाना चाहिए कि यूज़र उनका इस्तेमाल ही न कर सके.”

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हमारा उद्देश्य आम लोगों की सुरक्षा

उन्होंने कहा कि, “7B में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि यूज़र ऐप को डिलीट नहीं कर सकता. 7B यूज़र्स के लिए नहीं है. यह निर्माताओं द्वारा ऐप इंस्टॉल करने के लिए है. 7B को गलत तरीके से समझा गया है. मैंने संसद में कहा है कि हमारा एक ही उद्देश्य है, वह है आम लोगों की सुरक्षा. हमें आम लोगों को धोखाधड़ी नामक इस कैंसर से बचाना है. अब हमें यह तय करना है कि लोगों को इस धोखाधड़ी से बचाना है या इस धोखाधड़ी को जारी रहने देना है. हमें जो प्रतिक्रिया मिली है, उसके आधार पर हम नियमों में संशोधन करने के लिए तैयार हैं, और मैंने संसद में भी यही कहा है.”

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