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क्राइम ‘किंगडम’ में ‘फूट’! लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ हुए अलग, क्या शुरू होने वाला है गैंगवार का नया अध्याय?

Lawrence Bishnoi, Goldy Brar

लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार का ब्रेकअप

क्राइम की दुनिया में अक्सर दोस्ती और दुश्मनी के नए अध्याय लिखे जाते हैं. लेकिन जब बात हाई-प्रोफाइल गैंगस्टरों की हो, तो हर खबर सनसनीखेज बन जाती है. हाल ही में साबरमती जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) और उसके करीबी माने जाने वाले गोल्डी बराड़ (Goldy Brar) के बीच बड़ी दरार की खबरें सामने आई हैं.

क्या हुआ ऐसा जो टूट गई दोस्ती?

आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसी क्या बात हो गई जो कभी एक साथ काम करने वाले ये दो बड़े नाम अब अलग हो गए? कहानी की शुरुआत होती है लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई से. अनमोल को नवंबर 2024 में अमेरिकी अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेजों के साथ यात्रा करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. सूत्रों की मानें तो, गोल्डी बराड़ और उसके साथी सचिन गोदारा ने अनमोल को अमेरिका में जमानत दिलाने में सही से मदद नहीं की. केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को तो यहां तक पता चला कि उन्होंने ज़रूरी ज़मानत बॉन्ड दाखिल करने में भी अनमोल की सहायता नहीं की. बस यहीं से दरार पड़नी शुरू हो गई. अनमोल बाद में रिहा तो हो गया, लेकिन इस घटना ने लॉरेंस और गोल्डी के रिश्ते में खटास घोल दी.

आपको बता दें कि अनमोल बिश्नोई का नाम पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या और पिछले साल महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या में मास्टरमाइंड के तौर पर भी सामने आया था.

अब किसके साथ हाथ मिला रहे हैं ये गैंगस्टर्स?

कहते हैं क्राइम की दुनिया में कोई अकेला नहीं रहता. दोस्ती टूटी तो नई पार्टनरशिप बनी. अब गोल्डी बराड़ ने अज़रबैजान के कुख्यात रोहित गोदारा के साथ हाथ मिला लिया है. वहीं, लॉरेंस बिश्नोई ने कनाडा के नोनी राणा (जो हरियाणा के काला राणा का छोटा भाई है) के साथ नई डील की है. नोनी राणा अब अमेरिका से ही लॉरेंस के लिए रंगदारी वसूलने का काम संभाल रहा है.

और भी हैं दरार के कारण

हाल ही में कनाडा के मिसिसॉगा में एक कारोबारी हरजीत सिंह की हत्या हुई थी. इस हत्या की जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ और गोदारा ने सोशल मीडिया पर ली, लेकिन दिलचस्प बात ये रही कि उन्होंने अपने पोस्ट में लॉरेंस बिश्नोई या गिरोह के किसी अन्य सदस्य का नाम नहीं लिया, जबकि आमतौर पर वे ऐसा करते हैं. यह भी उनकी दोस्ती टूटने का एक बड़ा संकेत माना जा रहा है. अब तो गैंगस्टर भी सीधे अमेरिका से फोन नहीं करते, बल्कि वीपीएन सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं ताकि पकड़े न जा सकें.

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कैसे शुरू हुई थी ये कहानी?

लॉरेंस बिश्नोई ने अपने शुरुआती दिनों में गोल्डी बराड़, काला राणा और अन्य के साथ मिलकर एक मजबूत टीम बनाई थी. बाद में उसने धनंजय सिंह, जग्गू भगवानपुरिया, काला जठेड़ी, रोहित गोदारा और रोहित मोई जैसे बड़े नामों के साथ मिलकर एक बड़ा ‘बिजनेस मॉडल’ तैयार किया. सब कुछ अच्छा चल रहा था, लेकिन फिर धीरे-धीरे मुश्किलें आने लगीं.

सबसे पहले, हथियार मुहैया कराने वाले जग्गू भगवानपुरिया से उनका अहम टकराया, क्योंकि वह और पैसे की मांग कर रहा था. कुछ समय बाद काला जठेड़ी भी अलग हो गया, जब उसे पता चला कि गोदारा और बराड़ उसके गढ़ हरियाणा में कई लोगों को जबरन वसूली के लिए फोन कर रहे थे. एक-एक कर ये मजबूत कड़ियां टूटती गईं और अब लॉरेंस और गोल्डी की सबसे बड़ी दोस्ती भी बिखर गई है.

बड़े प्रभाव और अनसुलझे सवाल

इस विभाजन के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं. लॉरेंस बिश्नोई का नाम पिछले तीन सालों में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को दी गई कई धमकियों और उनके घर के बाहर गोलीबारी की घटना से भी जुड़ा है. दूसरी ओर, कनाडा ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार के एजेंट कनाडा की धरती पर आतंक फैलाने के लिए बिश्नोई गिरोह के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. हालांकि, भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है.

इस नई ‘फूट’ से गैंगवार की घटनाओं में वृद्धि हो सकती है, क्योंकि दोनों गुट अपने-अपने प्रभाव क्षेत्र को मजबूत करने और प्रतिद्वंद्वी को कमजोर करने की कोशिश करेंगे. सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि अब उन्हें दो अलग-अलग, लेकिन पूर्व-जुड़े सिंडिकेट्स पर नज़र रखनी होगी, जिनके नए सहयोगी भी इसमें शामिल हैं.

क्राइम की दुनिया में यह नया मोड़ क्या रंग लाएगा, यह देखना बाकी है. लेकिन इतना तय है कि लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ का अलग होना, गैंगवार के नए और खतरनाक अध्याय की शुरुआत कर सकता है.

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