Bihar Politics: बिहार की सियासत में एक नया मोड़ आया है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अपने नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में मंगनी लाल मंडल (Mangni Lal Mandal) को चुना है. ये वो नाम है, जो अब बिहार के सियासी गलियारों में गूंज रहा है. आखिर कौन हैं मंगनी लाल मंडल? क्यों लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने उन पर इतना भरोसा जताया? और कैसे वो RJD को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं?
खेत-खलिहानों से निकलकर सियासत की ऊंची मंजिल तक का सफर
1949 में बिहार के फुलपरास प्रखंड के गोरगमा गांव में एक मजदूर परिवार में जन्मे मंगनी लाल मंडल की कहानी अलग है. खेत-खलिहानों से निकलकर सियासत की ऊंची मंजिल तक पहुंचने वाले मंगनी लाल ने अपनी जिंदगी में मेहनत और जुनून को हमेशा साथ रखा. छात्र जीवन में ही वो समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर के आंदोलनों से जुड़ गए. यहीं से शुरू हुआ उनका सियासी सफर, जो आज उन्हें RJD की बिहार इकाई का कप्तान बना चुका है.
सियासी रास्तों का अनुभवी यात्री
मंगनी लाल मंडल का सियासी रिकॉर्ड देखें, तो वो किसी दिग्गज से कम नहीं. 1986 से 2004 तक वो बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे. फिर 2004 में RJD के टिकट पर राज्यसभा पहुंचे. 2009 में जनता दल (यूनाइटेड) के साथ गए और लोकसभा सांसद बने. हालांकि, 2024 में JDU से टिकट न मिलने की नाराजगी ने उन्हें फिर से RJD की ओर मोड़ दिया. 6 जनवरी 2025 को वो घर वापसी कर लालू यादव के साथ फिर से जुड़ गए.
मंगनी लाल का ये अनुभव RJD के लिए किसी खजाने से कम नहीं. लोकसभा, राज्यसभा, विधान परिषद और बिहार की जमीन पर उनकी पकड़ उन्हें एक ऐसा नेता बनाती है, जो संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ जनता के दिलों तक पहुंच सकता है.
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लालू-तेजस्वी ने क्यों चुना मंगनी लाल को?
बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और RJD के लिए ये करो या मरो का मौका है. ऐसे में मंगनी लाल मंडल का चयन एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. मंगनी लाल अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) से आते हैं, जो बिहार की सियासत में एक बड़ा वोट बैंक है. उनकी नियुक्ति से RJD को EBC समुदाय का समर्थन मिलने की उम्मीद है.
इसके अलावा, मंगनी लाल का लंबा प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव पार्टी को संगठनात्मक ताकत देगा. लालू यादव और तेजस्वी ने उनके नाम पर हरी झंडी दी, क्योंकि वो न सिर्फ अनुभवी हैं, बल्कि जमीन से जुड़े हुए नेता भी हैं. 19 जून 2025 को होने वाली RJD की राज्य परिषद की बैठक में उनके अध्यक्ष बनने की औपचारिक घोषणा होगी.
जगदानंद सिंह का युग खत्म, नया दौर शुरू
मंगनी लाल मंडल अब जगदानंद सिंह की जगह लेंगे, जो लंबे समय से RJD के प्रदेश अध्यक्ष रहे. जगदानंद सिंह ने पार्टी को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन अब पार्टी नए चेहरों और नई रणनीति के साथ आगे बढ़ना चाहती है. मंगनी लाल की नियुक्ति को RJD के संगठनात्मक चुनावों का हिस्सा बताया जा रहा है, जिसे राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी डॉ. रामचंद्र पुरबे ने मंजूरी दी है.
बिहार की सियासत में क्या बदलेगा?
मंगनी लाल मंडल के आने से RJD को कई फायदे मिल सकते हैं. पहला, EBC वोट बैंक को साधने में मदद मिलेगी. दूसरा, उनका अनुभव पार्टी के कार्यकर्ताओं में नया जोश भरेगा. तीसरा, नीतीश कुमार की JDU को उनके गढ़ में चुनौती देने की रणनीति को बल मिलेगा. मंगनी लाल का JDU से पुराना नाता रहा है, और वो जानते हैं कि नीतीश की पार्टी को कैसे टक्कर देनी है.
