World News: नोबेल शांति पुरस्कार 2025 का ऐलान हो चुका है. 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की विपक्ष की नेता मारिया कोरिना मचाडो को दिया गया है. नोबेल पुरस्कार के लिए पिछले कई महीनों से परेशान अमेरिकी राष्ट्रपति के निराशा हाथ लगी है. ट्रंप ने कई युद्ध रुकवाने के बड़े-बड़े दावे किए और काफी कोशिशें भी की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली.
मांगने पर भी नहीं मिला नोबेल, ‘हाथ मलते’ रहे गए ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नोबेल पीस प्राइज के लिए पिछले कई महीनों से लगातार दावा कर रहे थे. लेकिन नोबेल कमेटी ने वेनेजुएला की विपक्ष की नेता को वरीयता दी. डोनाल्ड ट्रंप के बार-बार खुद मांगने पर भी नोबेल प्राइज नहीं मिला. जानकारों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति मानकों को पूरा करने में असफल रहे हैं. नोबेल पुरस्कार के लिए उन कामों को वरीयता दी जाती है, जिससे स्थायी परिवर्तन हो और उनसे बदलाव आए.
ट्रंप के रिजेक्शन के ये कारण रहे
डोनाल्ड ट्रंप के नोबेल पीस प्राइज ना मिलने को लेकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके पीछे कई कारण हैं. इनमें बहु पक्षीय संस्थाओं की अवहेलना करना और जलवायु परिवर्तन को लेकर उनका रुख भी बड़े कारणों में से एक है. जबकि जलवायु परिवर्तन इस समय पूरे विश्व के लिए एक बड़ी समस्या है.
इसके अलावा ट्रंप कई बड़े दावे करते हैं, लेकिन उसके प्रमाण भी नहीं दे पाते हैं. उदाहरण के लिए ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान का युद्ध रुकवाने का कई बार दावा किया. इस दावे को पाकिस्तान का समर्थन भी मिला लेकिन भारत ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. ट्रंप अक्सर कई मुद्दों पर खुद ही खुद को श्रेय देते दिखाई दिए लेकिन उसे प्रमाणित नहीं कर पाए.
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— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 10, 2025
The Norwegian Nobel Committee has decided to award the 2025 #NobelPeacePrize to Maria Corina Machado for her tireless work promoting democratic rights for the people of Venezuela and for her struggle to achieve a just and peaceful transition from dictatorship to… pic.twitter.com/Zgth8KNJk9
मचाडो ने 20 सालों तक लोकतंत्र के लिए संघर्ष किया
वेनेजुएला की विपक्ष की नेता मारिया कोरिना मचाडो ने लोकतंत्र के लिए 20 सालों तक संघर्ष किया. नोबेल कमेटी ने कहा, ‘लोकतंत्र ही स्थाई शांति की शर्त है. इस समय सत्ता डर दिखाकर जनता को दबाने की कोशिश कर रही है, ऐसे समय में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए लड़ने वालों का सम्मान करना जरूरी है.’
मचाडो लंबे समय से अपने देश में निष्पक्ष चुनावों की मांग करती रही हैं. मचाडो सुमाते नामक संगठन की स्थापना की, जो लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए काम करती है.
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