Mehli Mistry: टाटा ट्रस्ट्स (Tata Trusts) के अंदर काफी लंबे समय से चल रही खींचतान अब खुलकर सामने आ गई है. रतन टाटा के पुराने और भरोसेमंद सहयोगी रहे मेहली मिस्त्री का कार्यकाल खत्म हो रहा है, ट्रस्टी के रूप में उनके कार्यकाल को बढ़ाने के लिए प्रस्ताव आया तो मंगलवार को मतदान कराया गया, जिसमें उनके खिलाफ बहुमत से ज्यादा वोट पड़े.
जानकारी के अनुसार चेयरमैन नोएल टाटा, वाइस चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन और ट्रस्टी विजय सिंह ने इसके खिलाफ मतदान किया. इसलिए अब ऐसा माना जा रहा है कि इनकी विदाई तय है. इस तरह पहली बार ऐसा हुआ है जब रतन टाटा के करीबी माने जाने वाले किसी वरिष्ठ ट्रस्टी को बहुमत के आधार पर अस्वीकार किया गया है.
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कौन हैं इन दोनों ट्रस्ट्स के प्रमुख सदस्य?
नोएल टाटा, वेणु श्रीनिवासन, विजय सिंह, मेहली मिस्त्री, डेरियस खंबाटा SDTT और SRTT दोनों ट्रस्ट्स के सदस्य हैं, वहीं प्रमित झावेरी सिर्फ SDTT और जिमी टाटा, जहांगीर एचसी जहांगीर SRTT के सदस्य हैं. मेहली मिस्त्री का कार्यकाल 28 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है.
टाटा ट्रस्ट्स में क्यों मचा है विवाद?
टाटा ट्रस्ट्स, टाटा संस में करीब 51% हिस्सेदारी रखता है, जो ट्रस्ट्स में निर्णय लेने की इकाई है. पिछले कुछ दिनों से लगातार सदस्यों के मतभेद की खबरें भी आ रही थीं. जानकारी के अनुसार नोएल टाटा, वेणु श्रीनिवासन, विजय सिंह के गुट और मेहली मिस्त्री, डेरियस खंबाटा, प्रमित झावेरी दोनों का निर्णय लेने का नजरिया काफी अलग-अलग है, जिसकी वजह से यह मतभेद होते रहते हैं. अगर विवाद की स्थिति ऐसी ही बनी रही तो आने वाले समय में यह टाटा ग्रुप में गहरा प्रभाव डाल सकता है.
