Priya Sharma IAF Pilot: भारतीय सेना में 6 दशक से अपनी सेवा देना वाला लड़ाकू विमान मिग-21 आज रिटायर होने वाला है. ये भारत का पहला सुपरसोनिक फाइटर जेट था, जो ध्वनि की गति से तेज उड़ान भर सकता था. ये मूल रूप से रूस का है. चंडीगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में मिग-21 को विदाई दी जाएगी. एयर चीफ मार्शल एपी सिंह मिग-21 बाइसन में अंतिम उड़ान भरेंगे. वहीं स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा महिला पायलट बनेंगी जो आखिरी बार मिग-21 को उड़ाएंगी.
कौन हैं स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा?
स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा आखिरी बार मिग-21 को उड़ाकर फाइटर प्लेन को अलविदा कहेंगी. शर्मा उन पायलटों में शामिल होंगी, जो औपचारिक मिग-21 फ्लाईपास्ट में शामिल होंगी. विमान के विदाई समारोह के दौरान 23 स्क्वाड्रन के 6 विमानों को लैंडिंग के वक्त वाटर कैनन से सलामी दी जाएगी.
प्रिया शर्मा राजस्थान के झुंझुनू जिले की रहने वाली हैं. उनके पिता भी एयरफोर्स में अधिकारी रहे हैं. तमिलनाडु के डिंडीगुल एयर फोर्स एकेडमी से उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी की. इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान वे अकेली महिला फाइटर पायलट थीं. प्रिया देश की सातवीं महिला फाइटर पायलट हैं. उनकी शुरुआती तैनाती हैदराबाद एयर फोर्स स्टेशन पर रही थी.
एफ-16 को राख में बदला
साल 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर आंतकियों ने हमला किया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. इस आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी. आतंकवादियों को निशाना बनाते हुए कई हवाई हमले किए थे. एक डॉग फाइट के दौरान मिग-21 को उड़ा रहे विंग कमांडर ने एफ-16 को मार गिराया था. पहले तो पाकिस्तान ने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया. जब भारत ने इस बारे में सबूत पेश किए तो पाक ने इस कबूल कर किया.
1963 में भारत को पहला विमान मिला
साल 1963 में मिग-21 स्क्वाड्रन को वायुसेना के अधिकारी दिलबाग सिंह के नेतृत्व में शामिल किया गया था. साल 1981 में दिलबाग सिंह एयर चीफ मार्शल बने. मिग-21 ने 6 दशक तक देश की सेवा की. चीन से युद्ध के बाद वायुसेना को मजबूत बनाने के लिए मिग-21 को शामिल किया गया था. साल 1966 से 1980 तक भारत से रूस से 872 खरीदे. इसके बाद नासिक की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इन विमानों को भारत में बनाना शुरू किया.
पाकिस्तानी सेना को चटाई धूल
मिग-16 ने पाकिस्तान के साथ हुए 1965 और 1971 के युद्धों में अहम भूमिका निभाई थी. 1971 के युद्ध में इस फाइटर जेट ने युद्ध के समय में कम ऊंचाई से पाकिस्तान पर कई हमले किए. इसी युद्ध के दौरान बांग्लादेश के ढाका में गवर्नर हाउस पर 500 किलो के बम गिराए थे. इसने भारत की जीत को शानदार और भव्य बना दिया था. इसके साथ ही वियतनाम युद्ध, छह दिवसीय युद्ध में भी इसने निर्णायक भूमिका निभाई थी.
