Mock Drills: केंद्र सरकार कल यानी गुरुवार को पाकिस्तान से सटे राज्यों में फिर मॉक ड्रिल करवा रही है. ये मॉक ड्रिल कश्मीर, गुजरात, पंजाब और राजस्थान में होगी. लेकिन ऑपरेशन सिंदूर खत्म हो गया है और ना ही अब कोई युद्ध है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि मोदी सरकार पाकिस्तान से सटे राज्यों में मॉक ड्रिल क्यों करवा रही है. क्या केंद्र सरकार पड़ोसी देश को कोई मैसेज देना चाहती है या फिर ये युद्ध के दौरान व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए है.
पाकिस्तान ने इन्हीं राज्यों को निशाना बनाया था
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने सीम से सटे कश्मीर, गुजरात, पंजाब और राजस्थान को ही सबसे ज्यादा निशाना बनाया था. ऐसे में सरकार पाकिस्तान सीमा से सटे राज्यों में रहने वाले लोगों को युद्ध की आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना चाहती है. ये ट्रेनिंग इसलिए दी जा रही है कि युद्ध की स्थिति होने पर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. कुछ जानकारों का मानना है कि ये साइकोलॉजिकल रूप से भी पाकिस्तान को बताने की कोशिश है कि भारत हर स्थिति के लिए तैयार है.
7 मई को 244 जिलों में हुई थी मॉक ड्रिल
6 मई को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी और पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों का सफाया किया था. इसके अगले ही दिन यानी कि 7 मई को देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल हुई थी. इसमें नागरिकों को हमले के दौरान खुद को बचाने की ट्रेनिंग दी गई. 7 मई को देश के 244 शहरों में 12 मिनट ब्लैकआउट किया गया था. उस समय भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था और बड़े युद्ध की आशंका जताई जा रही थी.
इस तरह दी जाती है ट्रेनिंग
देश में पिछली बार ऐसी मॉक ड्रिल 1971 में हुई थी. ये वो समय था, जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था और युद्ध के दौरान ही ये मॉक ड्रिल हुई थी.
मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन को बजाया जाएगा. हमले के समय नागरिकों को खुद की सुरक्षा की ट्रेनिंग दी जाती है. मॉक ड्रिल के दौरान ब्लैक आउट होता है. लोगों को जगह खाली करने और सुरक्षित स्थान पर जाने की ट्रेनिंग दी जाती है.
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