Vistaar NEWS

‘हिंदू नहीं रहेगा तो दुनिया का अस्तित्‍व संभव नहीं…; आखिर मणिपुर में ऐसा क्‍यों बाेले संघ प्रमुख मोहन भागवत?

_RSS Chief Mohan Bhagwat speaking in Manipur on Hindu existence statement

संघ प्रमुख मोहन भागवत

Mohan Bhagwat statement Manipur: आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शुक्रवार को मणिपुर दौरे के दौरान अपने संबोधन में भारत की सभ्यता, समाज और राष्ट्र की शक्ति पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारत केवल एक देश नहीं बल्कि एक प्राचीन सभ्यता है जिसकी जड़ें इतनी मजबूत हैं कि अनेक उतार-चढ़ावों और आक्रमणों के बावजूद उसका अस्तित्व कभी खत्म नहीं हुआ. भागवत के अनुसार भारतीय समाज की संरचना ऐसी है कि हिंदू समुदाय हमेशा जीवित रहेगा और अगर हिंदू नहीं रहेगा तो दुनिया का अस्तित्व भी संभव नहीं होगा.

दूसरे आए और समाप्‍त हो गए भारत आज भी जीवंत है – भागवत

संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि परिस्थितियां समय के साथ बदलती रहती हैं, कई देशों और साम्राज्यों ने इतिहास में उत्थान और पतन देखा है. यूनान, मिस्र और रोम जैसी सभ्यताएं इतिहास में खो गईं, लेकिन भारत आज भी मजबूती के साथ खड़ा है क्योंकि यहाँ समाज का एक ऐसा मूल नेटवर्क बना जो हमें जीवित रखता रहा. उनके शब्दों में, भारत एक अमर सिविलाइजेशन है यहां दूसरे आए, चमके और समाप्त हो गए, लेकिन भारत आज भी जीवंत है और आगे भी रहेगा.

भागवत ने महाभारत और रामायण का किया जिक्र

महाभारत, रामायण और कालिदास के साहित्य का उल्लेख करते हुए भागवत ने कहा कि भारतवर्ष हमेशा से एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से एकीकृत राष्ट्र रहा है. सीमाएं और शासक भले बदलते रहे हों, लेकिन भारत का मूल स्वरूप और सामूहिक चेतना कभी नहीं टूटी. स्वतंत्रता संग्राम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि ब्रिटिश साम्राज्य का सूर्य भले दुनिया में कभी अस्त नहीं होता था, लेकिन भारत ने एक लंबी लड़ाई के बाद उसे खत्म कर दिखाया. 1857 से 1947 तक 90 साल संघर्ष करने के बाद आजादी मिली और आवाज कभी दबने नहीं दी गई.

समाज की एकता पर भागवत ने दिया विशेष जोर

भागवत ने समाज की एकता पर विशेष जोर दिया और कहा कि आरएसएस राजनीति नहीं करता और न ही किसी संगठन को नियंत्रित करता है. इंफाल में आदिवासी नेताओं से मुलाकात के दौरान उन्होंने साझा चेतना और आपसी सहयोग की अपील की. उनके अनुसार एकता बनाए रखने के लिए एकरूपता आवश्यक नहीं, लेकिन समाज के भीतर जुड़ाव जरूरी है.

ये भी पढे़ं- BJP की जीत की ज़िद; बिहार फ़तह के बाद बंगाल पर मोदी-शाह की नज़र, ममता दीदी को चुनौती देने की रणनीति तैयार

आर्थ‍िक स्वावलंबन पर बात करते हुए भागवत ने कहा कि राष्ट्र को इतना सक्षम होना चाहिए कि अर्थव्यवस्था, सैन्य बल और ज्ञान—तीनों के आधार पर भारत किसी पर निर्भर न रहे. उन्होंने लक्ष्य बताया कि एक ऐसा देश बने जहां कोई नागरिक दुखी, बेरोजगार या वंचित न रहे और हर व्यक्ति समृद्ध भारत के निर्माण में योगदान देकर सम्मान और आनंद से जीवन जी सके.

Exit mobile version