Monsoon Session 2025: संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है. लेकिन इस बार का सत्र बेहद तूफानी रहने वाला है. सरकार और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर जोरदार बहस होने की पूरी संभावना है. दरअसल, इस ‘फिल्म’ का ट्रेलर रविवार को ही दिख गया. सत्र शुरू होने से पहले सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. इस बैठक में विपक्ष ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरा और पीएम मोदी से सदन में बयान देने की मांग की.
पीएम मोदी की विदेश यात्रा
इस बीच पीएम मोदी की आगामी विदेश यात्रा ने विपक्ष को एक नया हथियार दे दिया है. विपक्ष सत्र के बीच में ही 23 से 26 जुलाई तक होने वाली पीएम की ब्रिटेन और मालदीव यात्रा पर सवाल उठा रहा है. पीएम मोदी 23 और 24 जुलाई को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क़ीर स्टॉर्मर के निमंत्रण पर लंदन जाएंगे, और उसके बाद 25 व 26 जुलाई को मालदीव का दौरा करेंगे. विपक्ष इसे संसद के महत्वपूर्ण समय से खिलवाड़ बता रहा है, जबकि सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इसका बचाव किया है. रिजिजू ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इतिहास में सदन में सबसे ज्यादा हाजिरी पीएम मोदी की रही है. हालांकि, विपक्ष इस सफाई से संतुष्ट नहीं दिख रहा और सत्र में इस मुद्दे पर भी तीखी बहस के आसार हैं.
किन मुद्दों पर होगा असली घमासान?
ऑपरेशन सिंदूर पर आर-पार की लड़ाई: यह मुद्दा सबसे ज़्यादा गरमाएगा! विपक्ष की मांग पर सरकार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर संसद में चर्चा के लिए तैयार हो गई है. कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने तो सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा है कि पहलगाम हमले में कहां चूक हुई? विपक्ष इस संवेदनशील मुद्दे पर पीएम से जवाब चाहता है, तो समझ लीजिए कितनी तीखी बहस होगी.
ट्रम्प के सीजफायर वाले बयान पर बवाल: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार सीजफायर को लेकर बड़े दावे कर रहे हैं, भले ही पीएम मोदी ने सफाई दी हो. विपक्ष चाहता है कि सरकार संसद में इस मुद्दे पर अपना रुख साफ करे. अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का स्टैंड क्या है, इस पर सरकार को आधिकारिक बयान देना होगा.
बिहार में SIR प्रक्रिया पर हंगामा: बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन (मतदाता सूची पुनरीक्षण) से जुड़ी SIR (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट) प्रक्रिया पर अभी भी विवाद है. बीजेपी और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, और मामला सुप्रीम कोर्ट में भी है. संसद में इस पर ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन देखने को मिलेगा.
मणिपुर का मुद्दा फिर उठेगा: मणिपुर में राष्ट्रपति शासन बढ़ा दिया गया है, ऐसे में विपक्ष सरकार से आगे के रोडमैप पर चर्चा की मांग करेगा. वहां की स्थिति पर भी सवाल पूछे जाएंगे.
हिंदी-मराठी विवाद: भाषा से जुड़ा यह मुद्दा भी संसद में उठ सकता है, जिस पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा.
सरकार का रुख और सत्र का मिजाज
सरकार ने साफ कर दिया है कि जिन मुद्दों पर सहमति बनेगी, उन्हीं पर चर्चा होगी. हर मुद्दे पर संसद में बहस नहीं की जा सकती. यही वजह है कि माना जा रहा है कि यह मानसून सत्र काफी हंगामेदार रहेगा. पिछला बजट सत्र भी चर्चा कम और विरोध-प्रदर्शन ज़्यादा होने की वजह से याद किया जाता है. सरकार ने इस बार शांतिपूर्ण चर्चा की अपील ज़रूर की है, लेकिन देखना होगा कि सदन में माहौल कैसा रहता है. क्या इस बार विपक्ष और सरकार मिलकर कोई रास्ता निकाल पाएंगे, या फिर हंगामा ही होता रहेगा.
