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Mossad ने ईरान में ही बना रखा था ड्रोन बेस, शिया देश को इजरायल के ‘चक्रव्यूह’ की नहीं लगी भनक!

Israel strikes iran

इजरायल ने ईरान पर किया अटैक

Israel strikes Iran: जैसा कि अंदेशा जताया जा रहा था, इजरायल ने शुक्रवार को तड़के ईरान पर मिसाइल दागना शुरू कर दिया. इजरायल ने ईरान की राजधानी तेहरान के कई इलाकों को निशाना बनाया. इजरायल के निशाने पर ईरान के परमाणु संयंत्र ठिकाने और सैन्य ठिकाने थे, जहां IDF की मिसाइलों ने खूब कहर बरपाया.

इजरायल और ईरान के बीच तनातनी काफी समय से चल रही है. इस बीच, इजरायल को खुफिया रिपोर्ट मिली थी कि ईरान परमाणु बम बनाने की तैयारी कर रहा है. इस रिपोर्ट के बाद अमेरिका-इजरायल दोनों ने ईरान को आगाह किया था. हालांकि, इजरायल ने अमेरिका को बता दिया था कि वह हमले के लिए वॉशिंटगन का इंतजार नहीं करेगा. आखिरकार कई चेतावनियों के बाद इजरायल ने शुक्रवार को ईरान पर हमला बोल दिया.

ईरान के कई ठिकाने तबाह

इजरायल ने सटीक हमला करते हुए ईरान स्थित परमाणु प्लांट, वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों के ठिकाने ही तबाह कर दिए. IDF ने साफ किया है कि मोसाद से मिली खुफिया जानकारी के आधार पर ईरान के ठिकानों को निशाना बनाया गया था. लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि इजरायल ने पहले ही बता दिया था कि वह ईरान पर हमला करने जा रहा है, फिर भी ईरान IDF के हमले को रोकने में नाकाम रहा.

मोसाद ने दी खुफिया जानकारी

मोसाद के खुफिया इनपुट के बाद IDF ने ईरान के उन ठिकानों को निशना बनाया जहां न्यूक्लियर प्रोग्राम और इजरायल के खिलाफ गतिविधियां चल रही थीं. उन ठिकानों को IDF ने हमले में तबाह कर दिया.

रिवोल्युशनरी गार्ड्स कमांडर और आईआरजीसी के मेजर जनरल की मौत

मोसाद की मदद से IDF ने ईरान के रिवोल्युशनरी गार्ड्स कमांडर हुसैन सलामी और आईआरजीसी के मेजर जनरल गुलाम अली रशीद को ढेर कर दिया. IDF ने इसके साथ ही परमाणु वैज्ञानिक डॉ. फेरेयदून अब्बासी, शाहिद बेहेश्टी विश्वविद्यालय के परमाणु इंजीनियरिंग संकाय के डीन और संकाय सदस्य डॉ. अब्दुलहामिद मिनौचेहर और प्रोफेसर अहमदरेज़ा ज़ोल्फ़ागरी को भी हमले में मार दिया. इजरायल का दावा है कि सईद अमीरहुसैन फ़ेक़ी, मोतलाबिज़ादेह और मोहम्मद मेहदी तेहरांची जैसे परमाणु वैज्ञानिक भी एयर स्ट्राइक में मारे गए हैं.

परमाणु कार्यक्रम ठिकानों को बनाया निशाना

ईरान के हर परमाणु संयंत्र ठिकाने की जानकारी मोसाद ने IDF को दी थी और इसके बाद सेना ने अपने टारगेट तय किए थे. इजरायली सेना का हमला इतना सटीक था कि उनका हर हमला लगभग टारगेट को भेदता चला गया. इजरायल की सेना ने बताया कि उन्होंने ईरानी कमांडर, बेस और परमाणु ठिकानों को टारगेट बनाया था. मोसाद की तरफ से IDF को दी गई खुफिया जानकारी में कई हजार किग्रा संवर्धित यूरेनियम के उत्पादन के प्रयास के अलावा अंडरग्राउंड फैसिलिटी में एटॉमिक फिजन की कोशिश के सबूत थे. ईरान पर हमले के बाद आईडीएफ ने कहा कि ईरान के पास इतना यूरेनियम है कि वह कुछ ही दिनों में 15 परमाणु हथियार बना सकता है और ऐसे में हमारे पास और कोई विकल्प नहीं था.

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पीएम बेंजमिन नेतन्याहू ने देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि इजरायल को ईरान से जो खतरा था, वह ‘राइजिंग लायन’ ऑपरेशन के खत्म होने तक समाप्त हो जाएगा. इजरायली पीएम ने कहा कि ये ऑपरेशन कुछ दिनों तक चलेगा. इशारा साफ है कि इजरायल किसी भी कीमत पर ईरान को परमाणु बम नहीं बनाने देना चाहता है.

एयर डिफेंस सिस्टम पहले ही कर दिया था जाम

ईरान के खिलाफ इस ऑपरेशन में एक के बाद एक टारगेट IDF ने ध्वस्त कर दिए. IDF के इस एक्शन में मोसाद की बड़ी भूमिका रही थी. ईरान पर हमले से पहले मोसाद की मदद से इजरायली सेना ने ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम को जाम कर दिया. इसके बाद तय टारगेट को ध्वस्त करना शुरू कर दिया. इजरायली मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मोसाद ने ईरान में ही सीक्रेट गाइडेड वेपन्स सिस्टम और ड्रोन बेस बना रखा था और इसकी भनक तक किसी को नहीं थी. जब IDF ने हमला करना शुरू किया तो मोसाद ने ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम और गाइडेड मिसाइल लॉन्चर को वहीं से ही बर्बाद कर दिया. मोसाद के एजेंट्स ने ईरान के सैन्य महत्व वाले ठिकाने पर कहर बरपा दिया. जब तक ईरान को कुछ समझ आता, तब तक काफी देर हो चुकी थी.

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