Vistaar NEWS

बीजेपी सांसद और पूर्व MP के बीच खूब हुई तू-तू मैं-मैं, हाथापाई की आई नौबत; अधिकारियों ने कराया बीच-बचाव

devendra singh bhole anil shukla warsi clash

कानपुर देहात में दिशा की बैठक में वर्तमान और पूर्व सांसद आपस में ही भिड़ गए.

Disha meeting controversy Kanpur: यूपी के कानपुर देहात में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में भाजपा नेता वर्तमान और पूर्व सांसद के बीच जमकर बहसबाजी हुई. दोनों तरफ से एक-दूसरे के ऊपर जमकर आरोप लगाए गए. आखिरकर बैठक को निरस्त करनी पड़ी. इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जो जमकर वायरल हो रहा है. जानिए सिलसिलेवार तरीके से क्या है पूरा मामला?

दरअसल, भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले और पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी कई मुद्दों को लेकर आपस में भिड़ गए. इसके बाद फैक्ट्रियों की जांच, खनन, दिशा के सदस्य समेत कई मुद्दों पर बहसबाजी हुई. देखते ही देखते अचानक से मामला उग्र हो गया। दोनों तरफ के सांसद समर्थक भी मैदान में आ गए. इस दौरान काफी देर तक हंगामा होता रहा, जिसके बाद डीएम, एसपी, एएसपी व अन्य अधिकारियों ने बीचबचाव कर मामले को शांत कराया.

कैसे शुरू हुआ विवाद?

जानकारी के अनुसार, कलेक्ट्रेट सभागार में दिशा बैठक के दौरान पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी ने समिति के कुछ सदस्यों के चयन को लेकर सवाल उठाया. साथ ही कहा कि दिशा समिति में नियमों के विपरीत सांसद समर्थकों को शामिल किया गया है, जिसमें आरक्षण का भी ध्यान नहीं रखा गया. इसके अलावा अकबरपुर के मिर्जा तालाब खनन प्रकरण, दिशा के सदस्यों पर वसूली और फैक्ट्रियों की जांच पर भी सवाल उठाए.

प्रशासन ने मामलो को शांत कराया

पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी के सभी आरोपों को सांसद भोले ने निराधार बताया. विवाद तो तब बढ़ गया, जब पूर्व सांसद ने व्यक्तिगत टिप्पणियां करना शुरू कर दीं. यह सुनकर अन्य सदस्यों ने भी नाराजगी दिखाई. इस दौरान बैठक में डीएम कपिल सिंह, एसपी श्रद्धा नरेंद्र पांडेय और एएसपी राजेश पांडेय भी मौजूद रहे, जिन्होंने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया.

ये भी पढ़ेंः अमेरिका में भारतीय मूल के जोहरान ममदानी का जलवा, बने न्यूयॉर्क के नए मेयर, ट्रंप को लगा बड़ा झटका!

सांसद ने कहा- वारसी मेरे मित्र

घटना के बाद सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने कहा, “वारसी मेरे मित्र हैं, लेकिन उन्हें उपचार की जरूरत है। वे मुझे गुंडा कह रहे हैं, हां मैं कहता हूं कि मुझसे बड़ा गुंडा कोई नहीं है. मैं कानपुर देहात का सबसे बड़ा हिस्ट्रीशीटर हूं. मैं जनता के मुद्दों के लिए लड़ा हूं. किसी उद्योग को गलत तरीके से निशाना नहीं बनाया जा रहा.”

घटना के बाद बैठक निरस्त

वहीं, पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी ने पलटवार करते हुए कहा कि आज अगर यहां पर पुलिस न होती तो हमला हो सकता था. उन्होंने आरोप लगाया कि दिशा बैठक में निजी हित के मुद्दे उठाए जा रहे हैं और फैक्ट्री मालिकों को अनुचित तरीके से टारगेट किया जा रहा है. एचएएल एग्रो और आरती डिस्टलरी जैसे उद्योगों पर दबाव बनाया जा रहा है. कुछ सदस्य जांच के बहाने वसूली कर रहे हैं. फिलहाल, घटना के बाद प्रशासन ने बैठक निरस्त कर दी और स्थिति सामान्य होने पर ही अगली बैठक बुलाने की बात कही है.

Exit mobile version