Musk vs Trump: ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ पर एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच चले रहा विवाद बढ़ता जा रहा है. एक समय में दुनिया की सबसे मजबूत जोड़ी के रूप में उभरी ये दोस्ती अब दुश्मनी का रूप लेने लगी है. टेस्ला और स्पेसएक्स के CEO Elon Musk ने अमेरिकी राजनीति में एक नए राजनीतिक दल के गठन की चर्चा छेड़ दी है.
मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोल पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने पूछा था- ‘क्या अमेरिका में एक नई राजनीतिक पार्टी की जरूरत है जो मध्यम वर्ग के 80% लोगों का प्रतिनिधित्व करे?’ इस पोल में 41 लाख से अधिक वोट पड़े, जिनमें से 80.4% लोगों ने ‘हां’ में जवाब दिया.
The people have spoken. A new political party is needed in America to represent the 80% in the middle!
— Elon Musk (@elonmusk) June 6, 2025
And exactly 80% of people agree 😂
This is fate. https://t.co/JkeOlG7Kl4
मस्क ने छेड़ी नई पार्टी की चिंगारी
पोल के परिणामों के बाद, मस्क ने X पर लिखा- ‘जनता ने अपना फैसला सुना दिया है. अमेरिका में एक नए राजनीतिक दल की जरूरत है, जो बीच के 80% लोगों का प्रतिनिधित्व करे, और ठीक 80% लोगों ने इसका समर्थन किया है. यही नियति है.’ इसके बाद उन्होंने एक और पोस्ट में केवल ‘The America Party’ लिखा, जिसे एक संभावित पार्टी के नाम के रूप में देखा जा रहा है.
The America Party https://t.co/hO5S8Kjb5O
— Elon Musk (@elonmusk) June 6, 2025
दूसरी तरफ, मस्क ने डोनाल्ड ट्रंप पर ‘एपस्टीन फाइल’ के जरिए सनसनीखेज हमला पहले ही बोल चूका है. जिसमें ट्रंप का नाम शामिल होने का दावा किया गया है. यह डबल अटैक मस्क और ट्रंप के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है, जिसने अमेरिकी राजनीति में भूचाल ला दिया है.
‘द अमेरिका पार्टी’: मध्यम वर्ग की आवाज
मस्क ने नै पार्टी की चर्चा करते हुए इसे ‘नियति’ करार दिया। उन्होंने इसे ‘द अमेरिका पार्टी’ का नाम सुझाया है. उन्होंने कहा कि यह पार्टी न तो डेमोक्रेट्स की तरह होगी और न ही रिपब्लिकन्स की, बल्कि मध्यम वर्ग की आवाज बनेगी.
ट्रंप पर ‘एपस्टीन फाइल’ का हमला
मस्क ने हाल ही में ‘एपस्टीन फाइल’ का हवाला देकर ट्रंप पर निशाना साधा. उन्होंने दावा किया कि जेफरी एपस्टीन से जुड़े दस्तावेजों में ट्रंप का नाम है, और इसके आधार पर उनके खिलाफ महाभियोग की मांग की। यह दावा X पर वायरल हो गया, जिससे ट्रंप समर्थकों और मस्क के बीच तीखी बहस छिड़ गई। हालांकि, इस दावे की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है, और इसे लेकर विवाद बढ़ रहा है।
मस्क और ट्रंप के बीच बढ़ता तनाव
मस्क और ट्रंप के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ गया जब मस्क ने दावा किया कि उनके समर्थन के बिना ट्रंप 2024 का चुनाव हार जाते. मस्क के बयान पर जवाब में, ट्रंप ने मस्क की कंपनियों को मिलने वाली सरकारी सब्सिडी और कॉन्ट्रैक्ट्स को रद्द करने की धमकी दी. ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि मस्क की सब्सिडी खत्म करना बजट बचाने का सबसे आसान तरीका होगा. मस्क ने जवाब में कहा- ‘ट्रंप के पास 3.5 साल बचे हैं, लेकिन मैं 40+ साल तक रहूंगा.’ यह संकेत देते हुए कि वह लंबे समय तक राजनीतिक प्रभाव बनाना चाहते हैं.
‘द अमेरिका पार्टी’ की संभावनाएं
मस्क का प्रस्तावित दल मध्यम वर्ग के 80% लोगों को लक्षित करता है, जो मौजूदा दो-दलीय व्यवस्था से असंतुष्ट हैं. विश्लेषकों का कहना है कि तीसरी पार्टी की सफलता मुश्किल है, क्योंकि अमेरिकी राजनीति में डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स का दबदबा रहा है.
यह भी पढ़ें: इंडियन नेवी की नई ताकत ‘अर्णाला’, जल्द ही समुद्र में छाएगा स्वदेशी योद्धा, एंटी सबमरीन वॉरफेयर के लिए है खास
USA में तीसरी पार्टी का गठन!
अमेरिका में तीसरी पार्टी (थर्ड पार्टी) बनाने के लिए कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है, क्योंकि अमेरिकी संविधान में राजनीतिक दलों का उल्लेख नहीं है. हालांकि, नई पार्टी बनाने और उसे मान्यता दिलाने के लिए संघीय और राज्य-स्तरीय कानूनों का पालन करना पड़ता है. नई पार्टी को संघीय चुनाव आयोग (Federal Election Commission – FEC) के साथ पंजीकरण कराना होता है, अगर वह संघीय चुनाव (राष्ट्रपति या कांग्रेस) में हिस्सा लेना चाहती है. इसके लिए एक संगठन के रूप में पार्टी का गठन करना होता है, जिसमें नाम, संविधान, और उद्देश्य स्पष्ट करने पड़ते हैं.
तीसरी पार्टी को चुनाव में उम्मीदवार उतारने के लिए प्रत्येक राज्य में ‘बैलट एक्सेस’ प्राप्त करना होता है. इसके लिए राज्यों में मतदाताओं के हस्ताक्षर जमा करने पड़ते हैं. कई राज्यों में पार्टी को पिछले चुनाव में न्यूनतम वोट प्रतिशत (जैसे 2-5%) हासिल करना होता है ताकि अगले चुनाव में स्वचालित बैलट एक्सेस मिले. कुछ राज्यों में गैर-राष्ट्रीय पार्टियों को प्रत्येक चुनाव के लिए अलग से पंजीकरण कराना पड़ता है.
पार्टी को संगठनात्मक ढांचा (जैसे अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष) बनाना होता है. अगर कोई पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता चाहती है, तो उसे कई राज्यों में बैलट एक्सेस प्राप्त करना होता है और राष्ट्रपति या अन्य प्रमुख चुनावों में न्यूनतम वोट शेयर (आमतौर पर 5%) हासिल करना पड़ता है. राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता के लिए कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं है, लेकिन मजबूत संगठन और व्यापक समर्थन जरूरी है.
