Vice President Election: देश के उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने सियासी गलियारों में हलचल मचा रखी है. हर किसी की जुबान पर यही सवाल है कि अगला उप-राष्ट्रपति कौन बनेगा? इस खबर ने न केवल राजनीतिक पंडितों को चौंकाया है, बल्कि आम जनता भी यह जानने को उत्सुक है कि इस अहम पद पर कौन बैठेगा. खबर है कि बीजेपी के नेतृत्व वाला NDA गठबंधन अपने अगले उम्मीदवार का नाम जल्द ही फाइनल कर देगा. अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह फैसला पीएम मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद लिया जा सकता है. बीजेपी की मंशा साफ है कि इस पद पर उनका ही उम्मीदवार बैठेगा.
NDA के पास स्पष्ट बहुमत
लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों के कुल 782 सांसदों में से, NDA के पास इस समय करीब 425 सांसदों का स्पष्ट बहुमत है. यह गणित साफ बताता है कि खाली हुई इस सीट पर NDA का उम्मीदवार ही उप-राष्ट्रपति बनने की दौड़ में सबसे आगे है. सहयोगी दलों की सहमति से बीजेपी जल्द ही अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर सकती है.
कौन हो सकता है अगला उप-राष्ट्रपति?
पार्टी सूत्रों की मानें तो उप-राष्ट्रपति के लिए ऐसे व्यक्ति को चुना जा सकता है जिसके पास राजनीतिक और विधायी अनुभव का खजाना हो. अगले हफ्ते तक नाम की घोषणा भी हो सकती है. पार्टी और उसके सहयोगी दलों का मानना है कि बीजेपी अनुभवी और अपनी विचारधारा के प्रति पूरी तरह समर्पित व्यक्ति को ही प्राथमिकता देगी.
ऐसी चर्चा है कि बीजेपी अपने ही दल से किसी कद्दावर नेता को इस पद पर चुनेगी. दिलचस्प बात यह है कि पार्टी किसी ओबीसी नेता पर भी दांव खेल सकती है. इस फेहरिस्त में एक नाम जो काफी चर्चा में है, वह है राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश का. जेडीयू से राज्यसभा सांसद हरिवंश ने उपसभापति के रूप में अपने सात साल के कार्यकाल में सरकार के साथ बेहतरीन तालमेल बिठाया है, जिससे उनका नाम प्रबल दावेदारों में शामिल हो गया है.
क्यों है यह पद इतना अहम?
उप-राष्ट्रपति का पद सिर्फ एक संवैधानिक पद नहीं है, बल्कि यह राज्यसभा का अध्यक्ष भी होता है. यह पद संसद की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलाने और सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ाने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए, उप-राष्ट्रपति उम्मीदवार का चुनाव करते समय चुनावी समीकरणों को भी खास तौर पर ध्यान में रखा जाएगा. बिहार में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम में होने वाले चुनाव इस फैसले को और भी महत्वपूर्ण बना देते हैं.
चुनाव आयोग की तेज़ रफ़्तार तैयारियां
उप-राष्ट्रपति के पद खाली होने के तुरंत बाद, चुनाव आयोग ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. आयोग ने राज्यसभा के महासचिव को उप-राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया है. साथ ही, गरिमा जैन और विजय कुमार को सहायक रिटर्निंग ऑफिसर बनाया गया है. चुनाव आयोग ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि उसने चुनाव की घोषणा से पहले की सभी गतिविधियां शुरू कर दी हैं. जल्द ही चुनाव का पूरा कार्यक्रम भी घोषित कर दिया जाएगा.
