NIA on PFI: नई दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 20 नेताओं के खिलाफ आरोप तय होने से पहले अपनी दलीलें पेश कीं. एनआईए का दावा है कि प्रतिबंधित संगठन PFI देश की एकता और अखंडता के लिए सबसे बड़ा खतरा है. एनआईए का आरोप है कि पीएफआई ने हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाने, युवाओं को कट्टरपंथ की ओर ढकेलने की साजिश रची है. साथ ही बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेता पीएफआई के निशाने पर हैं.
मुस्लिम युवाओं को हिंदुओं के खिलाफ भड़काकर जिहादी विचारधारा से जोड़ा
एनआईए के विशेष पब्लिक प्रॉसिक्यूटर राहुल त्यागी ने कोर्ट में बताया कि पीएफआई ने सुनियोजित तरीके से मुस्लिम युवाओं को कट्टर विचारधारा की ओर प्रेरित किया. मुस्लिम युवाओं को जिहादी विचारधारा से जोड़ा और हिंदुओं के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाया. एनआईए ने कोर्ट में यह भी दावा किया कि संगठन ने युवाओं को आईएसआईएस-जैसी अंतरराष्ट्रीय कट्टरपंथी गतिविधियों से जुड़ने, हथियार प्राप्त करने और प्रशिक्षण लेने के लक्ष्य से प्रेरित किया. पीएफआई के नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने दक्षिण भारत को युद्ध के समय रणनीतिक रूप से कब्जे में लेने जैसी योजनाएं भी बनाई थीं.
‘BJP-RSS के नेता निशाने पर हैं’
एनआईए ने कोर्ट को यह तर्क भी दिया कि पीएफआई ने बीजेपी और आरएसएस से जुड़े कई प्रमुख नेताओं को विशेष रूप से अपनी हिट लिस्ट. बीजेपी-आरएसएस के नेताओं पर हमले की योजना बनायी थी. एजेंसी के अनुसार, यह साजिश देश में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने और लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने की दिशा में की जा रही थी. NIA ने यह भी कहा कि शरिया कानून लागू करने और भारत में कट्टरवादी तौर पर शासन स्थापित करने की सोच संगठन के एजेंडे का हिस्सा था.
23 दिसंबर को होगी मामले में अगली सुनवाई
इस मामले में एनआईए ने मार्च 2023 में चार्जशीट दायर की थी और 20 आरोपियों के खिलाफ देशव्यापी जांच की प्रक्रिया शुरू की. केंद्र सरकार ने सितंबर 2022 में पीएफआई को यूएपीए( UAPA) के तहत प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी. कोर्ट ने अब मामले में अगले सुनवाई के लिए 23 दिसंबर की तारीख तय की है, जब आरोपियों की ओर से दलीलें पेश की जाएंगी. जांच एजेंसी ने यह भी उल्लेख किया कि पीएफआई से जुड़े विभिन्न राज्यों में दर्ज 1,300 से अधिक आपराधिक मामलों में यह संगठन और उसके सदस्यों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है.
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