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खिलौनों से लेकर लेदर स्कीम तक…चीनी बाजार पर लगाम लगाने का मोदी सरकार का मास्टर प्लान, मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बनेगा भारत

Finance Minister Nirmala Sitharaman

भारत को खिलौनों का हब बनाने का ऐलान

Budget 2025: आज लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया है. इस दौरान केंद्र की मोदी सरकार ने हर सेक्टर के लिए अपना पिटारा खोला है. जहां सरकार ने शिक्षा, कृषि, महिला सहित टैक्स पयेर्स के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं की, वहीं इस बजट से चीनी बाजार पर लगाम लगाने का ऐलान किया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान उन्होंने भारत को खिलौनों का हब बनाने का ऐलान किया है.

सीतारमण ने अपने बजट भाषण में भारत को खिलौने का ग्लोबल हब बनाने की बात कही. उन्होंने लेदर स्कीम से 22 लाख लोगों को रोजगार देने का अनुमान जताया है. वहीं खिलौनों के लिए राष्ट्रीय योजना बनेगी. इससे भारत चीन को लेदर और खिलौना मार्केट में कड़ी टक्कर देगा.

खिलौनों का मैन्युफैक्चरिंग का हब

मोदी सरकार ने भारत को खिलौना और लेदर मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बनाने का ऐलान किया है. इसके लिए देश में एक राष्ट्रीय योजना बनाने की घोषणा की गई है. जिसके तहत खिलौना क्षेत्र के लिए उपाय सुझाए जाएंगे. इस नई योजना का मकसद भारत को खिलौने के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने का प्रयास करना है.

बनेगा हाई क्वालिटी खिलौना

बजट 2025 में भारत को खिलौना मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल सेंटर बनाने के लिए मेड इन इंडिया ब्रांड का प्रतिनिधित्व करते हुए हाई क्वालिटी और टिकाऊ खिलौने का उत्पादन करने का प्रयास किया जाएगा. भारतीय बाजारों में चीनी खिलौने की भरमार रहती है. ऐसे में चीनी खिलौना मार्केट को टक्कर देने के लिए सरकार ने यह बड़ा ऐलान किया है.

आपको बता दें कि देश के मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ब्रिटिश खिलौना ब्रैंड हैमलीज को पहले ही खरीद लिया है. हैमलीज के साथ-साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज रोवन नाम के खिलौना ब्रांड के जरिए खिलौने का उत्पादन कर कारोबार कर रही है. हैमलीज ब्रांड की स्थापना तकरीबन 265 साल पहले 1760 ई. में हुई थी, जो कि दुनिया की सबसे बड़ा और पुराना खिलौना ब्रांड है.

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लेदर स्कीम से 22 लाख नई नौकरी का लक्ष्य

इस दौरान सीतारमण ने लेदर उद्योग स्कीम में 22 लाख नई नौकरी का लक्ष्य का ऐलान भी किया है. फुटवियर और लेदर के क्षेत्रों में 22 लाख लोगों के लिए रोजगार, 4 लाख करोड़ रुपए का टर्नओवर और 1.1 लाख करोड़ रुपए का निर्यात सृजित होने की संभावना जताई गई है.

जिसके लिए सरकार मदद मुहैया कराएगी. फुटवियर और लेदर के क्षेत्रों के लिए फोकस प्रोडक्ट स्कीम शुरू की जाएगी. भारत के फुटवियर और लेदर क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा बढ़ाया जाएगा. नॉन लेदर क्वालिटी के फुटवियर के उत्पादन की मशीनरी, डिजाइन क्षमता, मैन्यूफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाली चीजों को समर्थन प्रदान किया जाएगा. लेदर फुटवियर और लेदर उत्पादों को भी समर्थन देगी सरकार.

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