India Census 2027: संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही चल रही है. इस दौरान चुनाव सुधार, एसआईआर, वोट चोरी, वंदे मातरम जैसे मुद्दों पर बहस जारी है. मंगलवार को लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बड़ा ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने 2027 की राष्ट्रीय जनगणना को डिजिटल तरीके से करने का फैसला लिया है. भारतीय इतिहास में यह पहली बार होगा जब जनगणना मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल के माध्यम से की जाएगी. इसमें लोग अपनी जानकारी स्वंय ही भर सकेंगे.
सांसद के सवालों का लिखित में जवाब
सांसद सनातन पांडे के प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए मंत्री नित्यानंद राय ने बताया, “2027 में जनगणना डिजिटल माध्यम से करने का निर्णय लिया गया है. मोबाइल ऐप के माध्यम से आंकड़े जुटाने की योजना है. इसमें वेब-पोर्टल के माध्यम से स्वयं भी गणना कर सकते हैं. जनगणना प्रक्रिया का प्रबंधन और निगरानी एक समर्पित पोर्टल के माध्यम से की जाएगी.”
जनगणना की प्रोसेस
जनगणना में, प्रत्येक व्यक्ति का विवरण उस स्थान पर एकत्रित किया जाता है जहां वह गणना की पूरी अवधि के दौरान पाया गया था. इसके अलावा, प्रत्येक व्यक्ति के जन्म स्थान और अंतिम निवास स्थान के आधार पर प्रवासन संबंधी आंकड़े एकत्रित किए जाते हैं. जनगणना में वर्तमान निवास पर रहने की अवधि और प्रवास के कारण की जानकारी भी एकत्रित की जाती है. जनगणना के लिए प्रश्नावली, फील्ड के कार्य करने से पहले, केंद्र सरकार द्वारा आधिकारिक राजपत्र के माध्यम से अधिसूचित की जाती है.
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2021 में होनीं थी जनगणना
सरकार का मानना है कि डिजिटल जनगणना से डेटा प्रोसेसिंग काफी तेज होगी. इसमें त्रुटियों की संभावनाएं काफी कम होंगी. जिसकी वजह से अंतिम रिपोर्ट पहले की अपेक्षा अधिक विश्वसनीय और समय से उपलब्ध हो सकेगी. भारत में हर साल 10 सालों में जनगणना होती थी लेकिन 2011 के बाद से कोई जनगणना नहीं हुई. 2021 में होने वाली जनगणना को कोविड महामारी की वजह से स्थगित कर दिया गया था.
