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पूर्वोत्तर में बारिश का कहर, बाढ़ और भूस्खलन ने छीनी 32 जिंदगियां, चारों ओर तबाही का मंजर!

Northeast Heavy Rainfall

पूर्वोत्तर में बाढ़ से तबाही

Northeast Heavy Rainfall: पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में मानसून ने समय से पहले दस्तक दी और अपने साथ तबाही भी लाई. असम, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने 32 लोगों की जान ले ली. घर ढहे, सड़कें बहीं, और गांव पानी में डूब गए. अगर कुछ बच गई है तो वो है दर्द की कहानी.

असम में बिगड़ा हाल, 9 की मौत

असम में बारिश ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया. ऊपरी असम के लखीमपुर जिले में रंगा नदी के बांध से पानी छोड़े जाने के बाद कई गांव जलमग्न हो गए. यहां दो लोगों की जान चली गई. गुवाहाटी के बोन्डा इलाके में भूस्खलन ने एक परिवार को लील लिया, जिसमें तीन बच्चे भी शामिल थे. गोलघाट में मां-बेटी समेत दो लोग मलबे में दब गए. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के मुताबिक, राज्य के 12 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. गुवाहाटी के मालीगांव और दत्तालपारा में घर पानी में बह गए. स्थानीय निवासी हेमंता कलिता ने बताया, “रात 8 बजे पानी घर में घुस आया. रसोई डूब गई, सामान बचाने की जगह भी नहीं थी.”

मेघालय और मिजोरम में भी कोहराम

मेघालय के चेरापूंजी और मासिनराम में एक दिन में 47 सेंटीमीटर बारिश हुई. भूस्खलन, बिजली गिरने और डूबने की घटनाओं में सात लोग मारे गए, जिनमें तीन बच्चे शामिल हैं. मिजोरम में छह लोगों की मौत हुई, जिसमें तीन म्यांमार के नागरिक भी थे. आइजोल के पास एक होटल भूस्खलन की चपेट में आकर ढह गया. सैरांग गांव में त्लावंग नदी के उफान ने कई परिवारों को बेघर कर दिया.

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अरुणाचल में सड़क पर बही कार

अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट कामेंग जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-13 पर भूस्खलन ने एक कार को खाई में धकेल दिया. कार में सवार दो परिवारों के सात लोग मारे गए. लोअर सुबनसिरी में दो मजदूर भूस्खलन की चपेट में आ गए. मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया.

नगालैंड के चुमौकेदिमा जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-29 पर भूस्खलन से गिरी चट्टान ने एक डंपर को कुचल दिया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, गुवाहाटी में 111 मिमी और तेजपुर में 174 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो मई में अब तक का रिकॉर्ड है. गुवाहाटी के 366 पहाड़ी इलाके भूस्खलन के खतरे में हैं, फिर भी लोग वहां रह रहे हैं. IMD का कहना है कि अगले 24 घंटों में बारिश की तीव्रता कम हो सकती है, लेकिन लोग पहले से राशन जमा करके तैयार हैं.

बांग्लादेश सीमा पर भी खतरा

मिजोरम के लुंगलेई जिले में कर्णाफुली नदी के किनारे बसे परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है. बांग्लादेश से सटे इलाकों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. पूर्वोत्तर के लोगों के लिए यह बारिश मुसीबत बनकर आई है. अधिकारी राहत और बचाव कार्यों में जुटे हैं, लेकिन प्रकृति के इस प्रकोप ने सबको सकते में डाल दिया है.

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