Operation Sindoor: मंगलवार देर रात भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और PoK के 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूत कर दिया. भारतीय सेना की इस कार्रवाई से ना-पाक पाकिस्तान पूरा बौखलाया हुआ है. इस बौखलाहट में पाकिस्तान ने 7 मई और 8 मई की रात भारत के कई शहरों पर हमला किया. हालांकि भारत ने पाकिस्तान के सभी मंसूबों को नाकाम कर दिया. भारत-पाक टेंशन के बीच अमेरिका ने बड़ा बयान दिया है. अमेरिका ने पाकिस्तान पर आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने का आरोप लगाया है.
अमेरिका के विदेश विभाग ने कश्मीर में हुई हिंसा को ‘अवैध और अस्वीकार्य’ करार दिया है. अमेरिका ने इसे वैश्विक शांति के लिए खतरा तक बताया है. अमेरिका की तरफ से आया यह बयान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के समर्थन की ओर इशारा करता है. बता दें कि 8 मई की रात पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों पर ड्रोन और मिसाइल से हमला किया. जिसके जवाब में भारत से सभी ड्रोन और मिसाइल को मार गिराया. इसके बाद भारत-पाक टेंशन को देखते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से बात की. इस दौरान रूबियो ने साफ कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन बंद करना होगा. उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी बातचीत की.
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— Vistaar News (@VistaarNews) May 9, 2025
पाकिस्तान आतंकियों का समर्थक
इधर, एक प्रेस ब्रीफिंग में अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस से जब पूछा गया कि क्या वह भारत के इस आरोप से सहमत है कि पाकिस्तान आतंकवादी समूहों को समर्थन दे रहा है, तो प्रवक्ता ने जवाब में कहा, “बिलकुल, आज की दुनिया में यह कोई नई बात नहीं है. यह वह मुद्दा है जिसे हम दशकों से उठाते आ रहे हैं. यह एक ऐसी सच्चाई है जिसे हम मध्य पूर्व में भी देख चुके हैं, जहां इसी तरह की हरकतों ने आम जनजीवन को बर्बाद किया है.’
टैमी ब्रूस ने आगे कहा- ‘कश्मीर में जो कुछ हुआ, वह पूरी तरह से अवैध और अस्वीकार्य है. दुनिया ने इस तरह की हिंसा को नकारा है. हम पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करते हैं.’ अमरीका का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है.
ब्रूस से एक पत्रकार ने पूछा कि क्या अमेरिका दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की भूमिका निभाने को तैयार है, तो टैमी ब्रूस ने कहा- ‘यह एक बेहद संवेदनशील और खतरनाक स्थिति है. हम ऐसी किसी भी कूटनीतिक बातचीत के विवरण साझा नहीं करते.’
इससे अमेरिका का कोई लेना-देना नहीं
वहीं अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वैंस का भी बड़ा बयान सामने आया है. अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका इस संघर्ष के बीच में शामिल नहीं होने जा रहा है और इसका उनसे कोई लेना देना नहीं है. एक इंटरव्यू में अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा- ‘…हम जो कर सकते हैं, वह यह है कि इन लोगों को थोड़ा शांत होने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास करें, लेकिन हम युद्ध के बीच में शामिल नहीं होने जा रहे हैं. मूल रूप से हमारा कोई काम नहीं है और इसका अमेरिका की इसे नियंत्रित करने की क्षमता से कोई लेना-देना नहीं है.’
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उन्होंने आगे कहा- ‘आप जानते हैं कि अमेरिका भारतीयों से हथियार डालने के लिए नहीं कह सकता. हम पाकिस्तानियों से हथियार डालने के लिए नहीं कह सकते, इसलिए हम कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से इस मामले को आगे बढ़ाते रहेंगे. हमारी आशा और अपेक्षा है कि यह एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध या, भगवान न करे, परमाणु संघर्ष में न बदल जाए. हम इन चीजों को लेकर चिंतित हैं. भारत और पाकिस्तान के शांत दिमागों का काम यह सुनिश्चित करना है कि यह परमाणु युद्ध न बन जाए और अगर ऐसा होता है तो यह विनाशकारी होगा, लेकिन अभी हमें नहीं लगता कि ऐसा होने वाला है.’
