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राहुल गांधी-प्रियंका समेत विपक्षी सांसदों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया, बैरिकेडिंग पर चढ़े अखिलेश यादव

Vote Chori March

विपक्ष के 'वोट चोरी मार्च' को पुलिस ने रोका

Vote Chori March: INDI गठबंधन के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ संसद भवन से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने मार्च को बीच रास्ते में रोक दिया, जिसके बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई विपक्षी सांसदों को हिरासत में ले लिया गया.

इस मार्च के दौरान पुलिस द्वारा रोके जाने पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने पुलिस की बैरिकेडिंग पर चढ़कर विरोध जताया. यह मार्च 2024 के लोकसभा चुनावों में मतदाता सूची में कथित धांधली के विरोध में निकाला गया था.

वोट चोरी’ और SIR पर सवाल

इंडिया गठबंधन, जिसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और अन्य दल शामिल हैं, उन्होंने बिहार SIR को लेकर गंभीर आरोप लगाए. विपक्ष का दावा है कि यह प्रक्रिया गरीब, दलित, अल्पसंख्यक और विपक्ष समर्थक मतदाताओं के नाम हटाने की ‘राजनीतिक साजिश’ है. राहुल गांधी ने पहले बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के आंकड़े पेश कर दावा किया था कि 1,00,250 मतों की चोरी हुई, जबकि वह सीट बीजेपी ने केवल 32,707 वोटों से जीती थी.

दिल्ली पुलिस ने लिया एक्शन

विपक्षी सांसदों ने संसद के मकर द्वार से मार्च शुरू किया, लेकिन दिल्ली पुलिस ने परिवहन भवन के पास भारी बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया. पुलिस का कहना था कि मार्च के लिए कोई औपचारिक अनुमति नहीं ली गई थी. इसके बाद सांसद सड़क पर धरने पर बैठ गए और ‘वोट चोरी बंद करो’ जैसे नारे लगाए. इसके बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, संजय राउत, सागरिका घोष अखिलेश यादव समेत कई सांसदों को पुलिस ने हिरासत में लेकर बसों में भर दिया गया.

‘मिलना नहीं चाहता EC’- राहुल गांधी

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा- ‘वो बात नहीं कर सकते हैं, हकीकत यह है. सच्चाई देश के सामने है और यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है, यह संविधान को बचाने की लड़ाई है, यह एक व्यक्ति, एक वोट की लड़ाई है. हमें एक साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहिए.’

बैरिकेडिंग पर चढ़े अखिलेश

मार्च के दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस की बैरिकेडिंग पर चढ़कर पार किया. अखिलेश के विरोध जताने के इस अंदाज ने काफी सुर्खियां बटोरीं. उन्होंने कहा- ‘सरकार हमें रोकने के लिए पुलिस का इस्तेमाल कर रही है. अगर हमें जाने दिया जाए, तो हम चुनाव आयोग को अपनी बात रखेंगे.’ अखिलेश के साथ तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और अन्य ने भी बैरिकेड्स पर चढ़कर नारेबाजी की.

‘सरकार कायर है’- प्रियंका गांधी

हिरासत में लिए जाने से पहले प्रियंका गांधी ने सरकार पर तंज कसा. उन्होंने कहा- ‘सरकार डरे हुए हैं, सरकार कायर है.’ उन्होंने चुनाव आयोग के खिलाफ नारेबाजी की और विपक्षी सांसदों के साथ तख्तियां थामीं, जिन पर ‘SIR लोकतंत्र पर हमला है’ और ‘वोट चोरी’ लिखा था. मार्च में शामिल सांसदों ने सफेद टोपियां पहनी थीं, जिन पर लाल क्रॉस के साथ ये नारे लिखे थे.

‘सब जाएंगे या कोई नहीं’- विपक्ष का रुख

चुनाव आयोग ने विपक्ष के 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को दोपहर 12 बजे मुलाकात के लिए बुलाया था, लेकिन स्थान की कमी का हवाला देकर केवल 30 लोगों को अनुमति दी. इस पर विपक्ष ने साफ कहा- ‘या तो हम सब जाएंगे, या कोई नहीं जाएगा.’ विपक्षी नेताओं ने दावा किया कि वे शांतिपूर्ण तरीके से मेमोरेंडम सौंपना चाहते थे, लेकिन सरकार ने उन्हें रोकने की कोशिश की.

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा- ‘अगर कोई सरकार चुनाव आयोग कार्यालय तक पहुंचने नहीं देती तो उस सरकार को क्या डर है, यह हमें नहीं पता. यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन है.’

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विपक्षी नेताओं ने सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया. अखिलेश यादव ने कहा- ‘चुनाव आयोग पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है.’ कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे और केवल SIR से संबंधित दस्तावेज सौंपना चाहते थे.’

दिल्ली पुलिस का बयान

नई दिल्ली DCP देवेश कुमार महला ने कहा- ‘चुनाव आयोग की ओर से लगभग 30 सांसदों की अनुमति थी लेकिन उनकी (विपक्षी नेताओं) तादाद काफी ज्यादा थी इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया है.’

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