Vote Chori March: INDI गठबंधन के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ संसद भवन से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने मार्च को बीच रास्ते में रोक दिया, जिसके बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई विपक्षी सांसदों को हिरासत में ले लिया गया.
इस मार्च के दौरान पुलिस द्वारा रोके जाने पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने पुलिस की बैरिकेडिंग पर चढ़कर विरोध जताया. यह मार्च 2024 के लोकसभा चुनावों में मतदाता सूची में कथित धांधली के विरोध में निकाला गया था.
वोट चोरी’ और SIR पर सवाल
इंडिया गठबंधन, जिसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और अन्य दल शामिल हैं, उन्होंने बिहार SIR को लेकर गंभीर आरोप लगाए. विपक्ष का दावा है कि यह प्रक्रिया गरीब, दलित, अल्पसंख्यक और विपक्ष समर्थक मतदाताओं के नाम हटाने की ‘राजनीतिक साजिश’ है. राहुल गांधी ने पहले बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के आंकड़े पेश कर दावा किया था कि 1,00,250 मतों की चोरी हुई, जबकि वह सीट बीजेपी ने केवल 32,707 वोटों से जीती थी.
#WATCH | Congress MP Priyanka Gandhi Vadra raises slogans as the INDIA bloc leaders march from the Parliament to the Election Commission of India to protest against the Special Intensive Revision (SIR) of electoral rolls in poll-bound Bihar and allegations of "voter fraud" during… pic.twitter.com/X9xgcPRVCV
— ANI (@ANI) August 11, 2025
दिल्ली पुलिस ने लिया एक्शन
विपक्षी सांसदों ने संसद के मकर द्वार से मार्च शुरू किया, लेकिन दिल्ली पुलिस ने परिवहन भवन के पास भारी बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया. पुलिस का कहना था कि मार्च के लिए कोई औपचारिक अनुमति नहीं ली गई थी. इसके बाद सांसद सड़क पर धरने पर बैठ गए और ‘वोट चोरी बंद करो’ जैसे नारे लगाए. इसके बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, संजय राउत, सागरिका घोष अखिलेश यादव समेत कई सांसदों को पुलिस ने हिरासत में लेकर बसों में भर दिया गया.
आज जब हम चुनाव आयोग से मिलने जा रहे थे, INDIA गठबंधन के सभी सांसदों को रोका गया और हिरासत में ले लिया गया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 11, 2025
वोट चोरी की सच्चाई अब देश के सामने है।
यह लड़ाई राजनीतिक नहीं – यह लोकतंत्र, संविधान और ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के अधिकार की रक्षा की लड़ाई है।
एकजुट विपक्ष और देश का हर… pic.twitter.com/SutmUirCP8
‘मिलना नहीं चाहता EC’- राहुल गांधी
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा- ‘वो बात नहीं कर सकते हैं, हकीकत यह है. सच्चाई देश के सामने है और यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है, यह संविधान को बचाने की लड़ाई है, यह एक व्यक्ति, एक वोट की लड़ाई है. हमें एक साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहिए.’
बैरिकेडिंग पर चढ़े अखिलेश
मार्च के दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस की बैरिकेडिंग पर चढ़कर पार किया. अखिलेश के विरोध जताने के इस अंदाज ने काफी सुर्खियां बटोरीं. उन्होंने कहा- ‘सरकार हमें रोकने के लिए पुलिस का इस्तेमाल कर रही है. अगर हमें जाने दिया जाए, तो हम चुनाव आयोग को अपनी बात रखेंगे.’ अखिलेश के साथ तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और अन्य ने भी बैरिकेड्स पर चढ़कर नारेबाजी की.
#WATCH | Delhi: Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav jumps over a police barricade as Delhi Police stops INDIA bloc leaders marching from the Parliament to the Election Commission of India to protest against the Special Intensive Revision (SIR) of electoral rolls in poll-bound… pic.twitter.com/X8YV4mQ28P
— ANI (@ANI) August 11, 2025
‘सरकार कायर है’- प्रियंका गांधी
हिरासत में लिए जाने से पहले प्रियंका गांधी ने सरकार पर तंज कसा. उन्होंने कहा- ‘सरकार डरे हुए हैं, सरकार कायर है.’ उन्होंने चुनाव आयोग के खिलाफ नारेबाजी की और विपक्षी सांसदों के साथ तख्तियां थामीं, जिन पर ‘SIR लोकतंत्र पर हमला है’ और ‘वोट चोरी’ लिखा था. मार्च में शामिल सांसदों ने सफेद टोपियां पहनी थीं, जिन पर लाल क्रॉस के साथ ये नारे लिखे थे.
#WATCH दिल्ली: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा, "डरे हुए हैं, सरकार कायर है।"
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 11, 2025
दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा, संजय राउत और सागरिका घोष सहित INDI ब्लॉक के सांसदों को हिरासत में ले लिया, जो SIR के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और संसद से भारत के चुनाव… pic.twitter.com/DVqP09cBRq
‘सब जाएंगे या कोई नहीं’- विपक्ष का रुख
चुनाव आयोग ने विपक्ष के 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को दोपहर 12 बजे मुलाकात के लिए बुलाया था, लेकिन स्थान की कमी का हवाला देकर केवल 30 लोगों को अनुमति दी. इस पर विपक्ष ने साफ कहा- ‘या तो हम सब जाएंगे, या कोई नहीं जाएगा.’ विपक्षी नेताओं ने दावा किया कि वे शांतिपूर्ण तरीके से मेमोरेंडम सौंपना चाहते थे, लेकिन सरकार ने उन्हें रोकने की कोशिश की.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा- ‘अगर कोई सरकार चुनाव आयोग कार्यालय तक पहुंचने नहीं देती तो उस सरकार को क्या डर है, यह हमें नहीं पता. यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन है.’
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विपक्षी नेताओं ने सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया. अखिलेश यादव ने कहा- ‘चुनाव आयोग पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं. दोषियों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है.’ कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे और केवल SIR से संबंधित दस्तावेज सौंपना चाहते थे.’
दिल्ली पुलिस का बयान
नई दिल्ली DCP देवेश कुमार महला ने कहा- ‘चुनाव आयोग की ओर से लगभग 30 सांसदों की अनुमति थी लेकिन उनकी (विपक्षी नेताओं) तादाद काफी ज्यादा थी इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया है.’
