Ind vs Pak cricket match boycott: पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी के परिवार ने एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के होने वाले मैच का विरोध किया है. शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या द्विवेदी ने बीसीसीआई के फैसले पर नाराजगी जाहिर की है. ऐशान्या ने कहा, ‘बीसीसीआई को भारत और पाकिस्तान के बीच मैच की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी. मुझे लगता है कि बीसीसीआई पहलगाम में जान गंवाने वाले लोगों के 26 परिवारों के लिए भावुक नहीं है.’
‘बीसीसीआई बंदूक की नोंक पर खेलने के लिए मजबूर नहीं कर सकती‘
शुभम द्विवेदी के परिवार ने भारत-पाकिस्तान के मैच पर गुस्सा जाहिर किया है. उन्होंने लोगों से मैच के बहिष्कार करने की बात कही है. शुभम की पत्नी ऐशान्या ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ”बीसीसीआई को भारत और पाकिस्तान के बीच मैच की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी. मुझे लगता है कि बीसीसीआई उन 26 परिवारों के प्रति भावुक नहीं है. हमारे क्रिकेटर क्या कर रहे हैं? कहा जाता है कि क्रिकेटर राष्ट्रवादी होते हैं. इसे हमारा राष्ट्रीय खेल माना जाता है. लेकिन 1-2 क्रिकेटरों को छोड़कर, किसी ने आगे आकर यह नहीं कहा कि हमें पाकिस्तान के खिलाफ मैच का बहिष्कार करना चाहिए.
बीसीसीआई उन्हें बंदूक की नोक पर खेलने के लिए मजबूर नहीं कर सकता. उन्हें अपने देश के लिए खड़ा होना चाहिए. लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे हैं. मैं प्रायोजकों और प्रसारकों से पूछना चाहती हूं कि मैच से होने वाली कमाई का क्या इस्तेमाल होगा? पाकिस्तान इसका इस्तेमाल सिर्फ आतंकवाद के लिए करेगा. वह एक आतंकवादी देश है. आप उन्हें राजस्व मुहैया कराएंगे और उन्हें हम पर फिर से हमला करने के लिए तैयार करेंगे. मुझे यह समझ नहीं आ रहाय मैं लोगों से इसका बहिष्कार करने की अपील करती हूं. इसे देखने न जाएं और इसके लिए अपना टीवी भी न चलाएं.’
#WATCH | Kanpur, UP: On upcoming India vs Pakistan match in Asia Cup 2025, Aishanya Dwivedi – wife of Pahalgam terror attack victim Shubham Dwivedi, says, "BCCI should not have accepted a match between India and Pakistan…I think BCCI is not sentimental towards those 26… pic.twitter.com/1tAu9wjqSo
— ANI (@ANI) September 13, 2025
22 अप्रैल को हुआ था आतंकी हमला
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 बेकसूर पर्यटकों की जान ले ली थी. इस हमले ने पूरे देश को हिला दिया था. उन्होंने मासूम लोगों को इसलिए मारा क्योंकि वे इस्लामिक आयतें नहीं पढ़ पाए. आतंकियों ने धर्म पूछकर पर्यटकों को निशाना बनाया था.
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