Jagdeep Dhankhar: जगदीप धनखड़ के उप-राष्ट्रपति पद से इस्तीफे ने सियासी हलचल को बढ़ दिया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और गृह मंत्रालय की तरफ से भी इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. धनखड़ के इस्तीफे को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. कहा जा रहा है कि BAC की मीटिंग में जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू के न आने और उन्हें इसके बारे में सूचित न करने से राज्यसभा के पूर्व सभापति नाराज थे. वहीं न्यायपालिका से लेकर किसानों के मुद्दे पर सरकार से भी मतभेद की चर्चाएं तेज हैं.
इस बीच, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि प्रोटोकॉल को लेकर गंभीर रहने वाले जगदीप धनखड़ के विदेश यात्राओं के दौरान अधिकारियों के साथ भी मतभेद रहे. इसको लेकर यह भी दावा किया गया है कि धनखड़ विदेश यात्राओं के दौरान राष्ट्रपति जैसे प्रोटोकॉल की उम्मीद करते हैं.
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जो प्रोटोकॉल उन्हें ठीक लगता, उस पर जोर देने के कारण अधिकारियों के साथ कई बार मतभेद भी रहे. चाहें होटल में कमरों की बात हो या फिर विमान की… धनखड़ को यह लगता था कि उनके कद के हिसाब से सम्मान नहीं मिल रहा है.
ईरान दौरे पर होटल रूम को लेकर जताई थी आपत्ति
रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के अंतिम संस्कार में शामिल होने जब बतौर उप-राष्ट्रपति धनखड़ तेहरान गए थे, उन्होंने होटल में बुक किए गए कमरे को लेकर शिकायत की थी. धनखड़ का मानना था कि भारतीय दूतावास को उनके कद के हिसाब से सुइट बुक करना चाहिए था. हालांकि मिशन ने साफ किया कि ये व्यवस्था दूतावास की तरफ से नहीं, बल्कि मेजबान सरकार (ईरान) ने की हैं. धनखड़ की इस मांग से राजनयिक काफी हैरान थे.
बड़े विमान की रहती थी अपेक्षा
इसी दौरे पर धनखड़ ने विमान को लेकर भी अपनी आपत्ति जाहिर की थी. उनको बतौर उप-राष्ट्रपति बड़े विमान में सफर की अपेक्षा थी. सूत्रों के मुताबिक, कई बार धनखड़ ने बताया कि उन्हें विदेश यात्रा के दौरान राष्ट्रपति की तरह प्रोटोकॉल की अपेक्षा रहती है.
इस साल एक कार्यक्रम के दौरान ही जगदीप धनखड़ नाराज नजर आए थे. तब उन्होंने कहा था, “आपने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की तस्वीरें देखी होंगी, लेकिन उप-राष्ट्रपति की नहीं. मैं जब ये दफ्तर छोड़ूंगा तो यह सुनिश्चित करूंगा कि मेरे उत्तराधिकारी के पास फोटो हो.” पूर्व उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा था कि प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है. धनखड़ ने खुद को प्रोटोकॉल का ‘पीड़ित’ भी बताया था.
