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मिशन मगध पर PM Modi, BJP के कमजोर किले को विकास से जीतने का मास्टरस्ट्रोक, 48 सीटों पर NDA का बड़ा दांव

PM Modi on Mission Magadh

बिहार की 48 सीटों पर पीएम मोदी की नजर

PM Modi on Mission Magadh: बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मिशन मगध’ के तहत BJP के सबसे कमजोर गढ़ मगध और मुंगेर प्रमंडल को विकास की सौगात देकर सियासी जमीन मजबूत करने की रणनीति बनाई है. आज, 22 अगस्त को गया में होने वाली उनकी जनसभा से मगध क्षेत्र में BJP के लिए अनुकूल माहौल बनाने की कोशिश होगी. मगध और मुंगेर के कुल 48 विधानसभा सीटों का समीकरण बिहार की सत्ता की दौड़ में अहम भूमिका निभा सकता है.

BJP की ‘मिशन मगध’ वाली रणनीति

बिहार में मगध क्षेत्र को BJP का सबसे कमजोर गढ़ माना जाता है. इस क्षेत्र में कुल 26 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें गया, औरंगाबाद और जहानाबाद जैसे जिले शामिल हैं. पिछले चुनावों में औरंगाबाद और जहानाबाद की सीटें राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के खाते में गई थीं, जबकि गया में NDA को कुछ सफलता मिली थी. आज की PM मोदी की गया में जनसभा और विकास परियोजनाओं की घोषणा इस क्षेत्र में BJP की सियासी जमीन को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

विकास पर फोकस

PM मोदी बोध गया से विकास योजनाओं की सौगात देकर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करेंगे. BJP ने जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान जैसे सहयोगियों के साथ गठजोड़ कर मगध में अपनी पकड़ मजबूत करने की योजना बनाई है. मोदी की रैलियों और जनसभाओं का असर मगध से लेकर मुंगेर तक 48 सीटों पर पड़ने की उम्मीद है.

मगध का सियासी समीकरण

बिहार का मगध क्षेत्र शुरू से प्रदेश की सियासत में अहम भूमिका निभाता है. इस क्षेत्र में कुल 26 विधानसभा सीटें हैं. यह सीटें सामाजिक और आर्थिक रूप से डाइवर्स है. यहां की सियासत में जातिगत समीकरण और सामाजिक गतिशीलता महत्वपूर्ण हैं. औरंगाबाद और जहानाबाद में RJD की मजबूत पकड़ रही है. इन क्षेत्रों में यादव और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) मतदाता RJD के पक्ष में हैं.

गया में NDA को कुछ हद तक सफलता मिली है, लेकिन मगध में RJD और महागठबंधन को टक्कर देना BJP के लिए चुनौतीपूर्ण है. PM मोदी की रणनीति विकास परियोजनाओं के जरिए मगध के मतदाताओं को साधने की है, विशेष रूप से युवा और ग्रामीण मतदाताओं को.

मुंगेर का सियासी गणित

अब बात अगर मुंगेर प्रमंडल, जो पटना से सटा हुआ है, उसके बात करें तो NDA और महागठबंधन के बीच हमेशा कांटे की टक्कर रही है. इस क्षेत्र में 22 विधानसभा सीटें हैं, जो बिहार की सत्ता की दौड़ में निर्णायक साबित हो सकती हैं. मुंगेर में दोनों गठबंधनों के बीच बराबरी की लड़ाई रही है. BJP यहां अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए विकास और गठबंधन की रणनीति पर काम कर रही है. जीतन राम मांझी और चिराग पासवान जैसे सहयोगी मुंगेर में BJP के लिए अतिरिक्त समर्थन जुटाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.

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48 सीटों का महत्व

मगध और मुंगेर प्रमंडल मिलकर बिहार की 48 विधानसभा सीटों को कवर करते हैं, जो राज्य की कुल 243 सीटों का लगभग 20% हिस्सा है. ये सीटें बिहार की सत्ता की दौड़ में अहम हैं. मगध में BJP का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा है और मुंगेर में भी उसे कड़ी चुनौती मिलती है.

PM मोदी की रणनीति इन 48 सीटों पर विकास के मुद्दे को केंद्र में लाकर मतदाताओं को आकर्षित करने की है. इन क्षेत्रों में OBC, दलित और सवर्ण मतदाताओं का मिश्रण है. BJP सहयोगी दलों के साथ मिलकर इन समीकरणों को साधने की कोशिश कर रही है.

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